चने में विटामिन ए, बी, सी, डी व के, क्लोरोफिल, फॉस्फोरस, मिनरल्स, पोटैशियम व मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इनमें अनेक बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है, ये हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करते हैं और भरपूर ताक़त प्रदान करते हैं। यह शरीर की गंदगी को भी पूरी तरह बाहर निकाल देते हैं। आइए जानते हैं कि भिगोए या अंकुरित चने किस-किस बीमारी में काम आते हैं।
काले चने के फ़ायदे
1. कमज़ोरी
कमज़ोरी दूर करने का सबसे अच्छा स्रोत चना है। इससे भरपूर ऊर्जा प्राप्त होती है। यह हमें तत्काल ताक़त देता है। रात को भिगोए गए चने में या अंकुरित चने में थोड़ा सा नमक, नींबू, अदरक व काली मिर्च डालकर सुबह नाश्ता करने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिल जाती है। यदि भिगोया या अंकुरित चना नहीं मिल पाए तो चने के सत्तू का सेवन किया जा सकता है। चने के सत्तू में नींबू व नमक मिलाकर पीने से शरीर को पर्याप्त ऊर्जा तो मिलती ही है, हमारी भूख भी शांत होती है। गर्मियों में यह शरीर को शीतलता भी प्रदान करता है।
2. एनीमिया
चने के नियमित सेवन से एनिमिया की समस्या दूर हो जाती है। शरीर को भरपूर आयरन मिलता है और शरीर में आयरन की कमी से होने वाली समस्याएं विदा हो जाती हैं। भिगोए हुए काले चने में मधु मिलाकर खाने से जल्दी लाभ मिलता है। चने में 27 फ़ीसद फॉस्फोरस व 28 फ़ीसद आयरन होता है जो नए रक्त कणों के निर्माण व हीमोग्लोबीन को बढ़ाने में सहायक होता है।
3. मधुमेह
भिगोया हुआ या अंकुरित चना मधुमेह से भी छुटकारा दिलाता है। यह शरीर में अतिरिक्त शुगर की मात्रा को कम करता है। मधुमेह में रोज़ एक-दो मुट्ठी चने का सेवन काफ़ी लाभप्रद है। काले चने का सत्तू भी मुधमेह में लाभ पहुंचाता है। इसका सेवन सुबह ख़ाली पेट करना ज़्यादा फ़ायदेमंद है।
4. महिलाओं के लिए सलाह
हर युवा महिला को सप्ताह में कम से कम एक बार चना व गुड़ का सेवन करना चाहिए। गुड़ में पर्याप्त आयरन मिलता है और चने में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन। ये दोनों चीज़ें माहवारी के दौरान हुए नुक़सान की भरपाई करने में काफ़ी कारगर हैं। महिलाओं को माघ माह में रोज़ कम से कम आधा-एक घंटा धूप में बैठकर तिल के लड्डू या गजक का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर को भरपूर कैल्शियम व विटामिन डी मिल जाता है।
5. पुरुषों को सलाह
चीनी-मिट्टी के बर्तन में रातभर भिगोया हुआ चना सुबह चबा-चबाकर खाना पुरुषों के लिए बहुत ही लाभप्रद है। यह कई प्रकार की कमज़ोरी को दूर करता है। चना खाकर ऊपर से दूध पीना ज़्यादा असरकारक है। भिगोए गए चने के पानी में मधु मिलाकर पीने से पौरुषत्व में वृद्धि होती है।
6. बुखार
भिगोया हुआ या अंकुरित चना या काले चने का सत्तू बुखार में पसीना आने, हिचकी, जुकाम व मूत्र संबंधित रोगों में राहत देता है और त्वचा की चमक बढ़ती है। बुखार में अधिक पसीना आए तो भुने हुए चने को पीसकर, उसमें अजवायन मिलाकर शरीर की मालिश करनी चाहिए। पसीना आना बंद हो जाता है और दर्द भी चला जाता है।
7. त्वचा
काले चने का नियमित सेवन करने से त्वचा की रंगत निखरती है, चेहरे पर चमक बढ़ जाती है। चने का बेसन हल्दी के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा की रंगत में निखार आता है, इसे चेहरे पर लगाना सर्वाधिक लाभकारी है। स्नान करने से पूर्व चने के बेसन में दूध या दही मिलाकर चेहरे लगाएं और पंद्रह-बीस मिनट के लिए छोड़ दें। सूख जाने पर ठंडे पानी से धो लें। इससे कील-मुहांसों, दाद, खाज, खुजली आदि अनेक प्रकार की त्वचा संबंधित समस्याएं ख़त्म हो जाती हैं।
अन्य प्रयोग
- भुने हुए चने के सेवन से बार-बार पेशाब जाने की समस्या दूर होती है।
- चने के साथ गुड़ खाने से यूरिन की हर प्रकार की समस्या में राहत मिलती है।
- भुने हुए चने खाने से बवासीर में राहत मिलती है।
- हल्के गर्म चने को किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से ज़ुक़ाम में राहत मिलती है।