हंदवाड़ा के शहीदों की बहादुरी और बलिदान को राष्‍ट्र कभी भूलेगा नहीं: पीएम

नई दिल्‍ली। जम्‍मू-कश्‍मीर के हंदवाड़ा में हुए एनकाउंटर में शहीद सैनिकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है। उन्‍होंने कहा कि जवानों की बहादुरी और बलिदान को राष्‍ट्र कभी भुला नहीं सकेगा। पीएम मोदी ने अपने निजी अकाउंट से एक ट्वीट में कहा, 'हंदवाड़ा में मारे गए हमारे सैनिकों और सुरक्षा बलों को नमन। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्‍होंने हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर राष्‍ट्र की अनथक सेवा की। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवदेनाएं।' रक्षा मंत्री ने कहा, शहादत परेशान करने वाली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों की शहादत पर शोक जताया है। उन्‍होंने कहा कि जवानों ने आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में साहस की मिसाल पेश की और उनकी बहादुरी और संघर्ष को हमेशा याद किया जाएगा। अपने ट्वीट में सिंह ने कहा, 'हंदवाड़ा में हमारे जवानों और सुरक्षाकर्मियों की क्षति बेहद परेशान करने वाली और दर्द भरी है। इन्होंने आंतकवादियों के खिलाफ अदम्य साहस दिखाया और देश सेवा में बड़ा बलिदान दिया। हम इनकी बहादुरी और संघर्ष को कभी भुला नहीं पाएंगे।' उन्‍होंने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। CDS ने शहीदों को किया सैल्‍यूट चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए जवानों को सैल्‍यूट किया है। जनरल रावत ने कहा कि हंदवाड़ा में हुए ऑपरेशंस सुरक्षा बलों की लोगों की जिंदगियां बचाने की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। जनरल रावत ने कहा, 'आर्म्‍ड फोर्सेज उनकी बहादुरी पर गर्व करती हैं, उन्‍होंने सफलतापूर्वक आतंकियों का सफाया किया। हम उन वीर जवानों को सलाम करते हैं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं।' शहीदों ने लिखी बहादुरी की इबारत हंदवाड़ा के एक घर में छिपे आतंकी फायरिंग कर रहे थे। खुफिया सूचना पर सुरक्षा बलों ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया। 21 राष्ट्रीय रायफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा इस ऑपरेशन को लीड कर रहे थे। उनके साथ RR के मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश भी थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर शकील काजी भी उनके साथ थे। गोलियां बरसती रहीं, वे वे मोर्चा संभाले रहे कर्नल शर्मा की पूरी टीम उस घर में घुस गई जहां आतंकी छिपे हुए थे। एक-एक करके बंधक बनाए गए सभी नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया। इस ऑपरेशन के दौरान जवानों को कई गोलियां लग गईं। जख्‍मी जवान शहीद हो गए मगर आतंकियों को खत्‍म करके ही दम लिया। कर्नल शर्मा को मिले थे वीरता के दो मेडल RR की गार्ड्स रेजिमेंट से आने वाले कर्नल शर्मा लंबे समय से कश्‍मीर घाटी में तैनात थे। वह अपनी बहादुरी के लिए दो-दो बार वीरता पुरस्‍कार से सम्‍मानित किए जा चुके थे। घाटी में सेना ने कर्नल रैंक के अधिकारी आखिरी बार पांच साल पहले, 2015 में खोया था। जनवरी 2015 में पुलवामा में एक ऑपरेशन के दौरान, कर्नल एमएन रॉय शहीद हुए थे। -एजेंसियां

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