Death Anniversary: इस फिल्म से नरगिस ने की थी करियर की शुरुआत, उम्र का लिहाज किए बिना कर डाला था ऐसा काम

हिन्दी सिनेमा जगत की जानी-ंमानी अभिनेत्री नरगिस ने अपने समय में अपने अभिनय के साथ-साथ खूबसूरत अदाओं से भी सबको दीवाना बनाया। उनका अभिनय और अंदाज को जमाने वाले कभी नही भूल सकते। बता दें कि आज ही के दिन यानी 3 मई को नरगिस ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। तो आइए आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़े अनसुने किस्सों के बारे में खास...

इस फिल्म से मिला काम करने का मौका ...
वर्ष 1945 में महबूब खान द्वारा निर्मित फिल्म हुमायूं में नरगिस को काम करने का मौका मिला। वर्ष 1949 नरगिस के सिने करियर में अहम पड़ाव साबित हुआ। इस वर्ष उनकी बरसात और अंदाज जैसी सफल फिल्मे प्रदर्शित हुई। प्रेम त्रिकोण बनी फिल्म अंदाज में उनके साथ दिलीप कुमार और राज कपूर जैसे नामी अभिनेता थे इसके बावजूद भी नरगिस दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही।
वर्ष 1950 से 1954 तक का वक्त नरगिस के सिने करियर के लिए बुरा साबित हुआ। इस दौरान उनकी शीशा, बेवफा, आशियाना, अंबर, अनहोनी, शिकस्त, पापी, धुन, अंगारे जैसी कई फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गयी लेकिन वर्ष 1955 मे उनकी राजकपूर के साथ श्री 420 फिल्म प्रदर्शित हुई जिसकी कामयाबी के बाद वह एक बार फिर से शोहरत की बुंलदियो पर जा पहुंची।
नरगिस के सिने करियर मे उनकी जोड़ी राज कपूर के साथ काफी पसंद की गई। राज कपूर और नरगिस ने सबसे पहले फिल्म वर्ष 1948 में प्रदर्शित फिल्म आग में एक साथ अभिनय किया था। इसके बाद नरगिस ने राजकपूर के साथ बरसात, अंदाज, जान-पहचान, प्यार, आवारा, अनहोनी, आशियाना, आह, धुन, पापी, श्री 420, जागते रहो, चोरी चोरी जैसी कई फिल्मों में भी काम किया।
अंतिम बार इस फिल्म में आईं थी नजर...
वर्ष 1956 मे प्रदर्शित फिल्म .चोरी चोरी . नरगिस और राजकपूर की जोड़ी वाली अंतिम फिल्म थी। राजकपूर की फिल्म.जागते रहो. में भी नरगिस ने अतिथि कलाकार की भूमिका निभायी। इस फिल्म के अंत में लता मंगेश्कर की आवाज में नरगिस पर जागो मोहन प्यारे गाना फिल्माया गया था।
उम्र और हैसियत की परवाह किये बिना किया ऐसा काम ...
वर्ष 1957 में महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया नर्गिस के सिने करियर के साथ ही व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इस फिल्म में नरगिस ने सुनील दत्त की मां का किरदार निभाया था। मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान नरगिस को आग से सुनील दत्त ने बचाया था। इस घटना के बाद नरगिस ने कहा था कि पुरानी नर्गिस की मौत हो गयी है और नई नर्गिस का जन्म हुआ है। नर्गिस ने अपनी उम्र और हैसियत की परवाह किये बिना सुनील दत्त को अपना जीवन साथी चुन लिया।
शादी के बाद फिल्मी लाइमलाइट से हो गईं थीं दूर, लेकिन ...
शादी के बाद नरगिस ने फिल्मों में काम करना कुछ कम कर दिया। करीब दस वर्ष के बाद अपने भाई अनवर हुसैन और अख्तर हुसैन के कहने पर नर्गिस 1967 में फिल्म रात और दिन में काम किया। इस फिल्म के लिये उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था।
सिने करियर में खूब बटोरी सुर्खियां ...
नरिगस के सिने करियर में उनकी जोड़ी राजकपूर के साथ काफी पसंद गयी। नरगिस ने अपने सिने करियर में लगभग 55 फिल्मों में का किया। नरगिस को अपने सिने करियर में मान-सम्मान बहुत मिला। वह ऐसी पहली अभिनेत्री थी जिन्हे पदमश्री पुरस्कार दिया गया। उन्हें राज्यसभा सदस्य भी बनाया गया। अपने संजीदा अभिनय से सिने प्रेमियों को भावविभोर करने वाली नरगिस 03 मई 1981 को सदा के लिए इस दुनिया से रुखसत हो गईं।

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