सोना-चांदी छोड़ गहनों की दुकान पर सब्जियां बेचने की मजबूरी आ पड़ी

श्रीवत्सन

कोरोना संक्रमण के चलते हुए लोक डाउन ने छोटे व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कई छोटे व्यापारी तो ऐसे भी हैं, जिन्होने अब अपना घर परिवार चलाने के लिए कुछ दूसरा काम तक शुरू आकर दिया है।
ऐसे ही जयपुर में कुछ ज्वेलर्स भी हैं, जो की अब सोने- चांदी के गहने बेचने की बजाय अपनी इस दुकान पर सब्जियां बेचने को मजबूर हैं।
जरा इस नीचे डाली गई दुकान की फ़ोटो को देखिये, इसके बाहर लिखा है की जे पी ज्वेल्लरी, सोडला इलाके के राम नगर के सभी लोग जानते हैं कि पिछले 30 सालों से यहाँ पर सोने-चांदी के गहनों का काम और उसकी बिक्री होती है।
दुकान भले ही छोटी है, लेकिन लोगों की भीड़ यहाँ नज़र आती थी। अचानक त्योहारों और शादी ब्याह के सीज़न में हुये लोक डाउन के बीच जब यह दुकान खुली मिली तो सभी चौंक गए।
क्योंकि दुकान के काउंटर के अन्दर अब भी सोने- चांदी के आईटमस तो रखे हुवे थे, लेकिन ठीक काउंटर के आगे सब्जियों का ढेर भी लगा था। उसे वही शख्स बेच रहा था जो की कुछ दिन पहले तक सोना चांदी के आभूषण अपनी इसी दुकान में बेचा करता था।
आभूषण की बजाय अब सब्जी बेचने वाला दुकान का मालिक हुकुम चंद कहते हैं, हमने सोचा था की लोक डाउन जल्दी खुल जाएगा, लेकिन इसके कोई आसार नहीं दिख रहे थे।
घर-परिवार का खर्चा भी चलना था, क्योंकि मैं अकेला ही कमाने वाला हूँ। सरकार ने दुकाने खोलने पर रोक लगा दी, तो शर्म छोड़ कर मैंने परिवार के गुजारे के लिए सब्जी की दुकान यहीं लगा ली।
हमारा तो सारा धंधा ही चौपट हो गया। अकेला मैं नहीं, बल्कि कई छोटे व्यापारी ऐसे हैं, जो की इसी तरह से काम करके जिन्दा रहने को मजबूर हैं।
जिसने भी आभूषण विक्रेता को सब्जी बेचते देखा, वही चौंक गया। हालाँकि, सभी उनके परिवार की हालत भी जानते थे, तो अब मोहल्ले वालों ने सब्जियां यहीं से लेना शुरू भी कर दिया
आस-पडौसी के लोग कहते हैं, हमें इन्हें पिछले 30 सालों से आभूषण ही बेचते देखा है, लेकिन पहली बार इनके सामने ऐसा करने की मजबूरी आई है।
जाहिर है, कोरोना संक्रमण सभी के लिए परेशानियां लेकर आया है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि मिल-जुलकर इसका मुकाबला करने की हमारे जूनून के चलते जल्दी ही अच्छे दिनों की भी वापसी होगी।

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