नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लगभग 11.45 करोड़ HCQ tablets (हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन tablets) के तत्काल उत्पादन करने का आदेश दिया है। HCQ tablets का यह आदेश हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड (एचएलएल) लाइफकेयर को मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह दवा सीधे एचएलएल लाइफकेयर द्वारा खरीदी जा रही है। हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड (एचएलएल) लाइफकेयर एक सरकारी स्वामित्व वाली स्वास्थ्य सेवा विनिर्माण कंपनी है।
HCQ tablets एक मलेरियारोधी दवा है। कोविड19 के लिए राष्ट्रीय कार्यबल के अनुसार, इस महामारी की प्रोफीलैक्सिस के रूप में इसकी सिफारिश की गई है। यह कोई इलाज नहीं है लेकिन ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा आपातकालीन स्थिति में इसके उपयोग का अनुमोदन किया गया है। यह दवा 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, स्तनपान कराने वाली और गर्भवती माताओं के लिए अनुशंसित नहीं है।
16 मई तक मिल जाएगा पूरा ऑर्डर
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, एचसीक्यू के लिए हमने दो भारतीय फर्मो-आइपीसीए लेबोरेट्रीज (IPCA Laboratories) और जायडस कैडिला (Zydus Cadila) को लगभग 11.45 करोड़ टेबलेट का ऑर्डर दिया है। अब तक हमें 6.64 करो़ड़ एचसीक्यू दवाएं मिली हैं और शेष 16 मई तक पहुंच जाएगी।
87 देशों को लगभग 30 लाख एचसीक्यू टेबलेट का निर्यात किया
घरेलू उपयोग के अलावा भारत ने 87 देशों को लगभग 30 लाख एचसीक्यू टेबलेट का निर्यात किया है। भारत के इस कदम की विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना से उपजी कोविड-19 बीमारी के उपचार में सहायक मानी जाने वाली मलेरिया की दवा जिस तरह तमाम देशों को उपलब्ध कराई उससे उनके साथ-साथ भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और अधिक निखरी है।
दवाओं का रॉ-मटेरियल महंगा
कोरोना वायरस फैलने के कारण चीन सहित विदेश से आने वाला दवाओं का रॉ-मटेरियल महंगा हो गया है। इसके चलते अति आवश्यक दवाओं के दाम जल्द ही बढ़ सकते हैं। नई पैकिंग की जो दवाएं आ रही हैं, वे बढ़े हुए दरों पर ही आ रही हैं। इसके कारण मरीजों पर बोझ और बढ़ेगा। एंटीबायोटिक दवा एजीथ्रोमाइसिन तथा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन सल्फेट ऑर्थोराइटिस के मरीजों के इलाज में मुख्य रूप से काम में आती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने एजीथ्रोमाइसिन और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन सल्फेट आदि दवाओं को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के काम में लगे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों के बचाव के लिए उपयोगी माना है। लिहाजा इन दवाओं की बाजार में शॉर्टेज पहले से ही चल रही है। इन दवाओं को बनाने के लिए रॉ-मटेरियल चीन से आता है।
- एजेंसी