कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए ऐसे दूर करे स्लिप डिसऑर्डर

कोरोना वायरस संकट ने सारे दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. दुनिया स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे एक महामारी के रूप में घोषित करने के बाद लॉकडाउन की स्थिति पैदा हुई व इस बीमारी ने लोगों के बीच उदासी व भय का भाव पैदा कर दिया.

चिंता का स्तर इतना बढ़ गया कि लोग तनाव झेल नहीं पा रहे. वहीं लोगों के बीच इस संकट के दौरान नींद से जुड़ी समस्याओं में भी बढ़ोतरी हुई है. कई लोग निद्रा रोग यानी स्लीप डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं. से जुड़े एम्स के डाक्टर उमर अफरोज का बोलना है कि स्लिप डिसऑर्डर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी आदमी की प्रतिदिन अच्छा से सो पाने की क्षमता प्रभावित होती है. यह स्थिति या तो किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण या फिर तनाव अत्यधिक बढ़ जाने के कारण होती है. इसके कुछ आम लक्षणों में ऐसा महसूस होता है कि जैसे नींद पूरी नहीं हो पाई हो, चिड़चिड़ापन या जल्दी गुस्सा आना, ध्यान लगाने में दिक्कत, दिन में ज्यादा नींद आना, थकान महसूस होना, शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना आदि शामिल हैं.से जुड़े एम्स के डाक्टर नबी वली का बोलना है कि नींद न आने संबंधित विकार की बात करें तो स्लीप एपनिया रात में समय-समय पर सांस लेने से रोकता है, जिससे नींद में खलल पड़ता है. रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम पैरों में अजीब सी सनसनी पैदा करता है व न चाहते हुए भी पैर बार-बार हिलाने के लिए विवश होना पड़ता है. ऐसी स्थिति में सो नहीं पाते हैं. सोने की अच्छी आदतें अनिद्रा जैसी स्थिति को रोकने व गहरी नींद सोने में मदद कर सकती है.कभी भी यह कहते हुए खुद को परेशान न करें कि अगर आज मुझे अच्छी नींद नहीं आई तो? इसकी बजाय खुशी महसूस करें व अच्छी नींद लेने की कल्पना करें. बिस्तर पर जाने का समय तय रखें. एक निश्चित समय पर बिस्तर पर जाएं, भले ही पहले हफ्ते के लिए तुरंत सो न पा रहे हों. यदि अपने बेडरूम में भी सो नहीं पा रहे हैं व लेटे-लेटे छत को घंटों से घूर रहे हैं, निगेटिव विचारों में फंस गए हैं तो अनिद्रा के इस चक्र से निकलने की प्रयास करें. इसके लिए दूसरे कमरे में जाएं, 10 मिनट तक वहां रहें, एक किताब उठाकर पढ़ें व फिर अपने बेडरूम में वापस आएं. कई लोगों की आदत होती है कि नींद नहीं आने पर बिस्तर से उठकर स्मोकिंग करने के लिए चले जाते हैं. यह गलती न करें. बिस्तर पर जाने से पहले स्मोंकिंग कभी भी अच्छी नहीं होती है. सोने से पहले एक साधारण ब्रीदिंग अभ्यास करें. नासिका से गहरी-गहरी सांस लें व मुंह से सांस छोड़ें. अपने बेडरूम में टीवी या लैपटॉप न रखें. सोने से 30 मिनट पहले अपने Smart Phone व अन्य गैजेट्स का प्रयोग बंद कर दें. नियमित रूप से व्यायाम से भी नींद में सुधार होता है, लेकिन प्रातः काल व दोपहर के समय ज्यादा अभ्यास न करें. रात के समय घड़ी की तरफ न देखें. ऐसा करने से चिंता महसूस होने लगती है. सोने का समय जैसे तय करना महत्वपूर्ण है, वैसे ही उठने का समय भी तय रखें. छुट्टी वाले दिन भी उठने के समय में कोई परिवर्तन न करें. सोने से पहले ज्यादा मात्रा में भोजन करने या पेय पदार्थों से बचें.

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