ऐसे में कई इलाकों में सैनिटाइजर को शराब की जगह पीने का मामला सामने आया है यही नहीं जिन शराब कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस मिला है उसे अपने ब्रांड की बोतलों में ही सैनिटाइजर भी बेच रही है लॉक डाउन में मध्यप्रदेश में शराब पर पाबंदी है तो पीने वालों ने सैनिटाइजर का लेबल पढ़ लिया।
भोपाल में स्थानीय ब्रांड की शराब के नाम पर ही सैनिटाइजर मांगे जा रहे हैं कुछ ऐसे ही लोगों को हमने बातचीत के लिए तैयार किया तो चौंकाने वाली बात पता लगी शहर के कोलार इलाके में रहने वाले पेशे से ड्राइवर ने हमें बताया हम यहां सैनिटाइजर पी रहे थे नशा होता है इससे कलाइयां वगैरह सब बंद है जो शराब ब्लैक में मिल रही है वह बहुत महंगी है लोगों से पता चल लगा कि इस एल्कोहॉल है और है पानी में मिलाकर पी रहे हैं कम में भी पड़ता है हालांकि दुकानदारों को नहीं पता कि लोग इसका क्या इस्तेमाल कर रहे हैं।
एक दुकानदार अशोक शर्मा ने कहा हमने सांची ने दिया है सैनिटाइजर बेचने ग्राहक मांगते हैं तो हम दे देते हैं वह इसका क्या इस्तेमाल करते हैं हमें क्या पता शहर के हॉस्पिटल में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं ज्यादा सैनिटाइजर पीकर बीमार पड़े एक की तो मौत भी हो गयी सिद्धांत रेडक्रॉस अस्पताल के निदेशक डॉ सुबोध वार्ष्णेय ने कहा यह जो सैनिटाइजर है उसमें एल्कोहल कम से कम 70 परसेंट होना चाहिए लेकिन कुछ में 80% है इसका मतलब है कि व्हिस्की से दोगुनी मात्रा में एल्कोहल है यानी किसी ने 100ml सैनिटाइजर परसेंट वाला पिया तो उसने 200ml व्हिस्की पी ली।
इसमें ओवरडोज होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है बहुत ज्यादा मात्रा में पी लिया जाए तो जान को भी खतरा है हालांकि आबकारी विभाग का कहना है कि उनके पास फ़िलहाल इस तरह के आंकड़े या तो बहुत ज्यादा शिकायतें नहीं आई है कि लोग शराब के बदले सैनिटाइजर पी रहे हैं जानकार कहते हैं कि सेनीटाइजर में एल्कोहल के अलावा गिलसरीन और हाइड्रोजन पराक्साइड भी है जिसका इस्तेमाल जानलेवा हो सकता है लॉक डाउन के बाद अकेले भोपाल में .
3 महीने के लिए इन्हें यह लाइसेंस मिला है रेट भी तय है 90ml सैनिटाइजर ₹45 में ₹ में लेकिन अब शराब के रूप में इस्तेमाल चिंता का कारण बन चुका है
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