नए साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति आ चुका है। इसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। देशभर के अलग-अलग हिस्सों में संक्रांति को अलग-अलग नामों से सेलिब्रेट किया जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में संक्रांति को खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है और इसकी वजह ये है कि इस दिन चावल और उड़द दाल की खिचड़ी खाने का काफी महत्व है। सिर्फ संक्रांति पर ही नहीं बल्कि बाकी दिनों में भी खिचड़ी खाना आपकी सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है। कैसे, यहां जानें...
त्रिदोषिक आहार है खिचड़ी
आयुर्वेदिक डायट का प्रमुख भोजन है खिचड़ी क्योंकि इसमें हमारे शरीर के तीनों दोष- वात्त, पित्त और कफ को बैलेंस करने की क्षमता होती है और इसलिए खिचड़ी को त्रिदोषिक आहार भी कहा जाता है। खिचड़ी हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालकर शरीर को डिटॉक्स करने का भी काम करती है। साथ ही साथ खिचड़ी खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) स्ट्रॉन्ग होती है और एनर्जी भी बेहतर होती है।
हेल्दी और टेस्टी होती है खिचड़ी
खिचड़ी का नाम लेते ही बहुत से लोगों को लगता है कि ये तो बीमार और मरीजों का खाना है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। आप चाहें तो इसमें चावल के साथ अपनी फेवरिट दाल, सब्जियां और मसाले ऐड करके बोरिंग खिचड़ी को अपने हिसाब से हेल्दी और टेस्टी बना सकते हैं। अगर आप वेट लॉस की सोच रहे हैं तब भी आप खिचड़ी से दोस्ती कर सकते हैं।
प्रोटीन और फाइबर से भरपूर खिचड़ी
जब आप वेट लॉस की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए प्रोटीन और फाइबर का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। जिम ट्रेनर्स भी लोगों को वेट लॉस के दौरान प्रोटीन से भरपूर चीजें खाने के लिए कहते हैं। मूंग दाल से बनने वाली पारंपरिक खिचड़ी प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है और लंबे समय तक पेट को भरा रखने में मदद करती है।
ग्लूटेन फ्री होती है खिचड़ी
जिन लोगों को किसी बीमारी की वजह से ग्लूटेन खाना मना होता है या फिर अगर हेल्दी रहने की वजह से आप ग्लूटेन का सेवन नहीं कर रहे हैं तो आपको खिचड़ी खानी चाहिए क्योंकि चावल और दाल दोनों ही ग्लूटेन फ्री होता है।
पचाने में आसान
चावल और दाल के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, डायट्री फाइबर, विटमिन सी, कैल्शियम, मैग्निशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों की खूबियों से भरपूर खिचड़ी हमारे शरीर के पाचन तंत्र और पेट को आराम दिलाने में मददगार होती है। खिचड़ी को पचाना आसान होता है, यही वजह है कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भी खिचड़ी खिलायी जाती है क्योंकि ये खाने में हल्की, सॉफ्ट और न्यूट्रिशस होती है।