इरफान खान के निधन के बाद पत्नी सुतापा ने दिया ऐसा बयान...

नई दिल्ली: बॉलीवुड में दो बड़ी शख़्सियतों की आकस्मित हुई मृत्यु से पूरा देश सदमें में है. इस दुख भरी घड़ी में संसार के लोग दोनों के परिवार वालों के लिए दुआ कर रहे हैं. इरफान खान की मृत्यु से ना केवल उनकी पत्नि बल्कि बच्चे भी एक दूसरे का सहारा बनकर इस दुख को सहन करने का ढाड़स बंधा रहे हैं. इरफान के निधन की समाचार से हिंदुस्तान ही नही दूर देश के लोग भी शोक संदेश भेजकर दुख जाहीर कर रहे हैं. इसी दुख के बीच इरफान खान के परिवार की ओर से एक बयान जारी किया गया है. बयान में इरफान खान की पत्नी सुतापा व बच्चों ने अपने जज्बात को शब्दो से पिरोकर रख दिया है.

इस दर्द भरी यात्रा के दौर में मुझे कई लोगो से सामना हुआ, जिसका कोई अंत नही है लेकिन उनमें से कुछ लोग ऐसे भी है जिनके बारे में बताना महत्वपूर्ण है. उनमें से एक हमारे ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ, नितेश रोहतोगी (मैक्स अस्पताल साकेत) जिन्होंने शुरुआती समय से हमारे साथ रहे, डाक्टर डेन क्रेल (यूके), डाक्टर शिद्रवी (यूके), डाक्टर सेवंती लिमये (कोकिलाबेन अस्पताल) ये वो लोग है जो अंधेरे में हमारे लिए उजाला बनकर आए थे. इस बात को समझाना बहुत ज्यादा कठिन है कि इरफान के साथ तय की गई यह यात्रा जितनी शानदार थी उतनी ही ज्यादा भयावह व रोमांचक रही है. मुझे लगता है कि इन ढाई वर्ष की यात्रा के दौरान मै इरफान के कंडक्टर की किरदार निभाते हुए मैने प्रारम्भ से लेकर, मध्य व अंत तक साथ दिया. हम 35 वर्ष एक दूसरे से जुड़े रहे. हमारी विवाह ने एक दूसरे को विवश डोर से ऐसे बांध दिया था जो कभी टूटने वाला नही था. हमारा छोटा सा परिवार एक ऐसी नाव में सवार है जिसमें इरफान हमेशा हमें व मेरे दोनों बच्चो को आगे बढ़ने का आदेश देते हैं. जहां पर कई ऐसे मोड़ भी आते है जिसमें वो ढाल बनकर खड़े हो जाते है. मेरी कामना है कि मेरे बच्चे इस नाव को अपने पिता के मार्गदर्शन के अनुसार सुरक्षित रूप से चलाते रहे व रॉकबाय करें.
मैंने अपने बच्चों को भी यही सिखाया है कि अब वो अपने पिता द्वारा पढ़ाए गए सबक को अपनी जिदंगी में ढाल लें, जो उनके लिए जरूरी है. "अपने मन को नियंत्रित करना सीखें व इसे अपने नियंत्रण में न आने दें." पिता के जाने के बाद आपके आंसू बहेंगे लेकिन जब हम उनके पसंदीदा रात की रानी का पेड़ उस स्थान पर लगाएंगे जहां हमने उन्हें शानदार सफर के बाद दफनाया है. इसके बाद जब वो पेड़ खिल जाएगा व खुश्बू फैल जाएगी तो उन सभी आत्माओं को स्पर्श कर लेगा जिनसे वो प्यार करते थे.
सुतापा के इस स्टेटमेंट पढ़कर हर किसी की आंखे नम हो जाएंगी। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि कैंसर के विरूद्ध लंबी जंग के बाद इरफान खान ने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में आखिरी सांस लीथी इसके बाद उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया.

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