ऋषि कपूर की एक और तमन्ना रह गई अधूरी, मरने से पहले इस वजह से जाना चाहते थे पाकिस्तान

बॉलीवुड के शानदार अभिनेता ऋषि कपूर भले ही इस दुनिया को अलविदा कर दिए गए हों लेकिन पूरी देश उनको याद कर रहा है। देश में ही नहीं दुनियाभर में उनके फैंस ऋषि की मौत से दुखी हैं। यही नहीं पाकिस्तान में भी ऋषि की मौत का लोगों को दुख पहुंचा है जिस पर उन्होंने शोक भी जाहिर किया है। इरफान खान और ऋषि कपूर की एक के बाद एक मौत ने देश समेत दुनिया भर को हैरान कर दिया है। पाकिस्तान में भी बॉलीवुड फिल्मों और अभिनेताओं को खासी पसंद किया जाता है, हालांकि ऐसी खबर सुनकर वहां की बड़ी हस्तियों ने इस पर दुख जताया है। भले ही और अभिनेताओं का झुकाव फिल्मों या एक्टर की तरफ हो लेकिन ऋषि कपूर का पाकिस्तान की ओर झुकाव की वजह कुछ और थी। ऋषि तो मरने से पहले एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थें।

दरअसल, ऋषि कपूर का पाकिस्तान के पेशावर में उनके हवेली मौजूद है जिसे उनके परदादा ने बनवाया था जो आज भी वहां मौजूद है और उसे 'कपूर हवेली' कहा जाता है। ऋषि कपूर के दादा और महान अभिनेता पृथ्वीराज कपूर का जन्म इसी हवेली में हुआ था। इसी हवेली में पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर का भी जन्म हुआ। हालांकि साल 2018 में हवेली को म्यूजियम बना दिया गया है।
इस हवेली को ऋषि के परदादा ने भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से पहले स्थापित किया था। पृथ्वीराज कपूर के पिता बशेश्वरनाथ पेशे से एक सब इंस्पेक्टर थे। करीब 40-50 कमरों वाली ये हवेली उस वक्त की सबसे आलीशान हवेली थी। हालांकि अब इस हवेली का नक्शा कुछ नहीं दिखता क्योंकि इसके रखरखाव में कमी की गई।
यह हवेली पहले पांच मंजिल की थी लेकिन भूकंप के कारण इसके ऊपर के दो मंजिल ध्वस्त हो गए। इसके बावजूद हवेली की ठाठ में कोई कमी नहीं है। 1990 में ऋषि इसको देखने पेशावर गए थे, तब वहां से वो इसकी मिट्टी अपने साथ लेकर आए थे। इसके बाद ऋषि कपूर ने साल 2016 में अपनी एक पुरानी तस्वीर शेयर की थी जिसमें वह पेशावर हवेली में खड़े दिखाई दिए। 2017 में एक ट्वीट में ऋषि कपूर ने लिखा, 'मैं 65 साल का हूं और मरने से पहले पाकिस्तान देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे अपनी जड़ें देखें।'

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