अरुणा ईरानी और ऋषि कपूर ने 1970-80 के दशक की फिल्मों जैसे 'सरगम', 'खेल खेल में' और 'घर घर की कहानी' में काम किया, लेकिन ऋषि की डेब्यू फिल्म 'बॉबी' में दोनों पर फिल्माए गए गाने 'मैं शायर तो नहीं' ने लोगों के दिलोदिमाग पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। अरुणा ईरानी ने कहा, "मेरे चिंटू बाबा एक अच्छे और खुशमिजाज शख्स थे। वह नामी कपूर परिवार से आते थे और उनके साथ काम करना सहज था। हम सब उन्हें चिंटू बाबा बुलाते थे।"अरुणा ने कहा, "'बॉबी' उनकी पहली फिल्म थी। उनके पिता (राज कपूर) उन्हें डांटा करते ते, लेकिन फिर भी वह बुरा नहीं मानते थे। अगर उनके पिता उन्हें कुछ कहते तो वह कहते कि यह उनकी भलाई के लिए है। इसमें कोई शक नहीं कि वह एक बेहतरीन अभिनेता थे लेकिन वह बेहतरीन इंसान भी थे। वह लंच कभी अकेले नहीं करते थे, वह सबके साथ बैठकर खाते थे। दोस्ताना, याराना आप कहा पाओगे?"अरुणा ने कहा कि दूरदराज के इलाके में एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में हम गए थे, जहां डेर सारे मच्छरों के कारण हम सो नहीं पाते थे। हमने चिंट से बोला और उन्होंने प्रोड्यूसर से बोलकर लोकेशन शिफ्ट करवा दी।अभिनेत्री ने कहा कि दोनों को साथ में काम किए सालों हो गए थे, लेकिन फिर भी वे अच्छे से पेश आते थे और व्हाट्सएप पर संपर्क में रहा करते थे। इलाज के बाद उन्हें लौटा देखकर खुशी हुई थी। मैं अभी भी उन्हें प्यार करती हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले। वह एक शानदार शख्सियत थे।