मौसमी चटर्जी से लेकर माधुरी-रवीना तक, ऋषि कपूर के ऑनस्क्रीन रोमांस का अनोखा रिकॉर्ड

अपने करिअर के शुरुआती करीब ढाई दशक तक फिल्मों में ऋषि कपूर मुख्यतः रोमांटिक हीरो के रूप में आते रहे। एक दौर था जब वह रोमांटिक फिल्मों में काम करने बात से इतने चिढ़ गए थे कि खुद सबसे सवाल पूछने लगे थे, निर्माता-निर्देशक क्यों उन्हें हर फिल्म में एक ही जैसे रोल देते हैं, जिनमें हीरोइनों के साथ रोमांस करना और नाचना-गाना ही होता है। मगर निर्माता-निर्देशक उनकी एक नहीं सुनते थे और लगातार नई-नई हीरोइनों को उनके साथ लॉन्च भी करते थे। अपने लंबे फिल्मी करिअर में चिंटू जी के नाम हीरोइनों से रोमांस से जुड़े अनोखे रिकॉर्ड हैं। ऋषि कपूर को इंडस्ट्री में प्यार से चिंटू जी कह कर ही पुकारा जाता रहा है।

पहला तो यही कि 1970 से शुरू हुए करिअर में 25 साल तक उन्हें सिर्फ रोमांटिक हीरो की भूमिकाएं मिलती रहीं। दूसरा यह कि उन्होंने अपनी करीब 100 फिल्मों में लगभग 45 हीरोइनों के साथ काम किया। तीसरा रिकॉर्ड यह है कि करीब 25 से 26 नई हीरोइनों ने अपना करिअर चिंटू जी के अपोजिट शुरू किया। इनमें से कई हीरोइनें इक्का-दुक्का फिल्में रके गायब हो गईं और कुछ तो नाम भी आपने नहीं सुने होंगे। जिन हीरोइनों के साथ ऋषि कपूर ने बतौर हीरो काम किया, उनकी लिस्ट लंबी है परंतु उन्हें आज याद करना जरूरी है।
ये है हीरोइनें
डिंपल कपाड़िया (बॉबी, 1973), जहरीला इंसान (मौसमी चटर्जी, 1974), नीतू सिंह (खेल खेल में, 1975), परवीन बाबी (रंगीला रतन, 1976), शोमा आनंद (बारूद, 1976), रंजीता (लैला मजनूं, 1976), काजल किरण (हम किसी से कम नहीं, 1977), राखी (दूसरा आदमी, 1977), जीनत अमान (हम किसी से कम नहीं, 1977), भावना भट्ट (नया दौर, 1978), नसीम (कभी कभी, 1978), रीना रॉय (बदलते रिश्ते, 1978), जया प्रदा (सरगम, 1979), सिमी ग्रेवाल (कर्ज, 1980), किम (नसीब, 1981), पूनम ढिल्लन (ये वादा रहा, 1982), प्रेम रोग (पद्मिनी कोल्हापुरे, 1982), टीना मुनीम (बड़े दिलवाला, 1983), अमृता सिंह (दुनिया, 1984), योगिता बाली और दीप्ति नवल (ये इश्क नहीं आसां, 1984), रति अग्निहोत्री (तवायफ, 1985), शबाना आजमी (राही बदल गए, 1985), राधिका और फरहा (नसीब अपना अपना, 1986), श्रीदेवी (नगीना, 1986), हेमा मालिनी (एक चादर मैली सी, 1986), मंदाकिनी (हवालात, 1987), विनीता गोयल (जनम जनम, 1988), सोनम (विजय, 1988), संगीता बिजलानी (हत्यार, 1989), किमी काटकर (खोज, 1989), रेखा (आजाद देश के गुलाम, 1990), अश्विनी भावे और जेबा बख्तियार (हिना, 1991), नीलम कोठारी (रणभूमि, 1991), रुखसार (इंतेहा प्यार की, 1992), जूही चावला (बोल राधा बोल, 1992), दिव्या भारती (दीवाना, 1992), वर्षा उसगांवकर (हनीमून, 1992), माधुरी दीक्षित (साहिबां, 1993), मीनाक्षी शेषाद्री (दामिनी, 1993), उर्मिला मातोंडकर (श्रीमान आशिक, 1993), तब्बू (पहला पहला प्यार, 1994), रवीना टंडन (साजन की बांहों में, 1995)।
ऋषि कपूर की इमेज ही निर्माता-निर्देशकों की नजर में ऐसी बन गई थी कि वह उन्हें सिर्फ रोमांटिक फिल्मों के लिए चुना जाता था। तब ऋषि यही कहते थे कि भले ही मुझे बतौर ऐक्टर मेरे मन का काम नहीं मिल रहा है, परंतु मैं यही सोच कर खुश हो लेता हूं कि इससे कम से कम पैसा तो मिल रहा है।

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