अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार मरीज को देरी से इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था उसे कोरोना के कारण निमोनिया हो गया था नतीजन उसकी तबीयत बिगड़ती गई 53 वर्षीय एक मरीज को 25 अप्रैल को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
जांच में उसे कोरोना की पुष्टि हुई थी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से ट्रायल के लिए प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति मिलने के बाद इस मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया गया था अस्पताल के सीओओ डॉ भी रविशंकर ने बताया कि मरीज को 200ml प्लाज्मा चढ़ाया गया था आगे उसे और भी प्लाज्मा चढ़ना था लेकिन उसकी स्थिति बिगड़ती देख ऐसा नहीं किया जा सका।
बता दे कि मरीज की मौत के बाद प्लाज्मा ते थेरेपी पर संकट के बादल छाने लगे हैं डॉक्टर्स का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी अब कोई मानक इलाज नहीं है इसलिए इसे ट्रायल की तरह देखा जा रहा है।