ऋषि कपूर के अंतिम समय में थे ऐसे उनके इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने किया खुलासा

बॉलीवुड अभिनेता ऋषि कपूर ने अपने अभिनय से हर किसी के दिल पर छाप छोड़ी है वक्त भले ही गुजरता रहा लेकिन ऋषि कपूर का अंदाज वही रहा एक के बाद एक हिट फिल्में ने उन्हें रोमांटिक हीरो का ताज दे दिया संग 1973 से 2000 के बीच ऋषि कपूर ने करीब 92 फिल्मों के सिर्फ एक रोमांटिक एक्टर की भूमिका अदा की उनके अभिनय और कलाकारी से सिनेमा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठता था।

ऋषि कपूर ने फिल्म मेरा नाम जोकर से अपने कैरियर की शुरुआत की थी उन्होंने गुरुवार सुबह अंतिम सांस ली डॉक्टर का कहना है कि वह अपनी अंतिम सांस तक हंसते और हंसाते रहे थे बिल्कुल जिंदगी के एक रियल हीरो की तरह।
मेरा नाम जोकर में एक स्टूडेंट की भूमिका में नजर आए ऋषि को नेशनल फिल्म अवार्ड से भी नवाजा गया था बदलते वक्त के साथ ऋषि कपूर के किरदार भी बदलते रहे साल 2000 के बाद उन्होंने सपोर्टिंग रोल करना शुरू कर दिया जिसमें अग्नीपथ ,नमस्ते लंदन जैसी कई फिल्में शामिल है उनके निधन से बॉलीवुड को एक बड़ी क्षति हुई है बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ट्वीट करके कहा कि मैं टूट चुका हूं।
ऋषि कपूर की जिंदादिली को इस बात से भी समझा जा सकता है कि कैंसर होने के बाद भी उन्होंने अपनी बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया उनके चेहरे की मुस्कुराहट हमेशा दूसरों को प्रेरित करती रही साल 2018 में उन्हें कैंसर के बारे में पता चला इलाज के लिए 1 साल तक न्यूयॉर्क में रहे इसके बाद ठीक होकर वे भारत लौटे और फिर एक नॉर्मल जिंदगी जीने लगी।
लेकिन कपूर खानदान का यह चिराग अब हमेशा के लिए कुछ गया सबकी आंखों में आंसू जरूर है लेकिन उनकी फिल्में उनके डायलॉग चेहरे की मासूमियत और उनकी आंखें लोगों को चेहरे पर हंसी भी खेलती रहेगी।

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