बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर पंचतत्व में विली हो गए। मुंबई के चंदनवाड़ी शवदाह गृह में ऋष कपूर का विद्युत मशीन में उनका अंतिम संसकार किया गया। बेटे रणबीर कपूर, पत्नी नीतू सिंह ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। ऋषि कपूर ने अपने अभिनय की बदौलत लाखों दिलों पर राज किया है। लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने निर्देशन में भी हाथ आजमाया है।
ये वो दौर था जब ऋषि कपूर मुख्य अभिनेता के रूप में ऋषि अपनी पारी को विराम दे रहे थे। अभिनेता के रूप में पारी को समाप्त करने के साथ ही ऋषि कपूर ने अपना हाथ निर्देशन में भी आजमाया था। साल 1999 में आई फिल्म 'आ अब लौट चलें' के साथ उन्होंने निर्देशक के रूप में कदम तो रखा। लेकिन वो इस पारी को खेल नहीं पाए और ये फिल्म उनके करियर की पहली और आखिरी फिल्म निर्देशक के रूप में साबित हुई।
इस फिल्म के निर्देशन के बाद उन्होंने फिर कभी भी निर्देशन में हाथ नहीं आजमाया। 1999 का ये म्यूजिकल ड्रामा फिल्म आरके स्टूडियो की भी आखरी फिल्म थी। इस रोमांटिक म्यूजिकल ड्रामा फिल्म में मुख्य कलाकार के रूप में ऐश्वर्या राय बच्चन और अक्षय खन्ना थे। फिल्म में राजेश खन्ना भी थे। ये फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय के करियर की भी दूसरी हिंदी फिल्म थी। इस फिल्म के निर्देशन के बाद ऋषि ने फिल्मों में वापसी की और सहायक भूमिकाएं निभाना शुरू कर दिया था।
ऋषि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत अपने बाल कलाकार के रूप में अपने पिता की ही फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से की थी। इसके पहले भी वो 'श्री 420' के एक गाने 'प्यार हुआ इकरार हुआ' में नजर आए थे। इस वक्त उनकी उम्र महज तीन साल थी। ऋषि कपूर ने 21 साल की उम्र में फिल्म 'बॉबी' से मुख्य कलाकार के रूप में अपनी पारी की शुरुआत की थी।
इसरे बाद उन्होंने लगातार साल 70, 80 और 90 के दशक तक मुख्य अभिनेता के तौर पर लंबी पारी खेली। साल 2000 के बाद से उन्होंने सहायक अभिनेता के रूप में काम करना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि ऋषि कपूर कैंसर से पीड़ित थे। वो साल 2018 में अपने इलाज के लिए करीब एक साल तक न्यूयॉर्क में ही रहे थे। बीते साल सितम्बर में ही उन्होंने वापसी की थी। भारत वापस आते ही उन्होंने एक बार फिर से फिल्मों में भी अपनी पारी शुरू कर दी थी।