धनंजय पाठक, सासाराम (रोहतास) :
वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों को बहुत सीखने का मौका दिया है। रहन-सहन से लेकर सफर करने के तौर-तरीकों को बदलने का अवसर प्रदान किया है। आने वाले दिनों में वाहनों में भारी भीड़ के बजाय लोग आरामदायक व सुरक्षित यात्रा करना अधिक पसंद करेंगे। जिससे वे खुद को अधिक मुफीद महसूस कर सकें। बाइक हो या बस, रेल व रिक्शे की सवारी। यात्रा करने से पहले वे एक बार जरूर सोचने को विवश होंगे कि वह कहीं कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार न हो जाएं। वे विशेषकर बाइक व रिक्शे पर अकेले ही सवारी करना अधिक पसंद करेंगे। बहरहाल, आने वाले दिनों में यातायात क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है।
बस मालिकों को भी समय के अनुरूप अपने वाहन को बनाना होगा, तभी लोग उनके वाहन की सवारी कर सकते हैं। कारण यह कि लॉकडाउन के बावजूद सड़कों पर चल रहे इक्के-दुक्के ऑटो व रिक्शे पर सफर करने वाले लोगों की यात्रा यही संदेश दे रही है कि आने वाला कल भी इसी तरह का होगा। लोग यात्रा में शारीरिक दूरी को जरूर अपनाएंगे। सासाराम रेलवे स्टेशन के प्रबंधक उमेश कुमार मानते हैं, आने वाले दिनों में यात्रा का स्वरूप बदल जाएगा। यात्रा के दौरान लोगों की पहली प्राथमिकता सुरक्षा होगी। लोग चाहेंगे कि कोरोना संक्रमण का खतरा आगे भी न रहे। इसे लेकर लोग सुरक्षित यात्रा करना सबसे अधिक पसंद करेंगे। कई ऐसी बीमारी है, जो एक-दूसरे के संपर्क में आने से फैलती है। वैसे रेलवे ने इस दिशा में एहतियातन तैयारी भी शुरू कर दी है। बस ऑनर एसोसिएशन से जुड़े अमर तिवारी कहते हैं, बस का स्वरूप भी इस महामारी के बाद बदलना चाहिए। अब दो-तीन सीट वाली बसों पर लोग यात्रा से कतराएंगे। कोरोना बीमारी ने यात्रियों में काफी बदलाव लाएगा। ऑटो-रिक्शा भी अब शेयर के बदले पूरा बुक कराकर ही लोग चलेंगे। हालांकि यहां लोगों की आर्थिक स्थिति के अनुकूल कतई नहीं है। बावजूद इसके सबसे पहले लोग अपनी सुरक्षा को महत्व देने लगे हैं।
Posted By: Jagran
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