अभियान- कोरोना के साथ भी, कोरोना के बाद भी
- पलायन की वजह से श्रमिकों की कमी का दंश झेल रहीं ग्राम योजनाएं
-प्रवासी श्रमिकों के जॉब कार्ड बनने का कार्य प्रारंभ, क्षमता के अनुसार दिए जाएंगे कार्य
जागरण संवाददाता, बक्सर : कोविड-19 वायरस ने जहां पूरी दुनिया में दहशत मचा रखा है, वहीं बिहार में ग्राम योजनाओं के लिए संक्रमण का यह दौर सहारा बन सकता है। कोरोना के कारण एक तरफ जहां प्रवासी मजदूर घर लौट रहे हैं, वहीं यहां से भी पलायन बिल्कुल रुक गया है। ऐसे में श्रमिकों के अभाव में मंथर गति से चल रही योजनाओं में तेजी आ सकती है। खासतौर पर मनरेगा और जल-जीवन-हरियाली जैसी योजनाएं अब गति पकड़ सकती हैं।
Coronavirus Buxar Update: 24 घंटे के अंदर 14 कोरोना पॉजिटिव, नया भोजपुर बना हॉट स्पॉट यह भी पढ़ें
दरअसल, श्रमिकों की तथा मशीनरी की कमी के कारण यह सभी योजनाएं ससमय पूरा नहीं हो पाती थी। जिले में हर घर नल का जल योजनाओं को सितंबर तक ही पूरा कर लिया गया जाना था, वह योजनाएं अबतक पूरी नही हुई हैं। कोरोना का खतरा बढ़ने के बाद एक तरफ जहां प्रवासी श्रमिक अपने गांव में लौटे हैं। वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार के द्वारा भी यह निर्देश मिला है कि इन सभी योजनाओं में बाहर से आए श्रमिकों को भी जोड़ा जाए। इसके लिए इनका जॉब कार्ड जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश के आलोक में जल जीवन हरियाली तथा मनरेगा योजनाओं में ऐसे श्रमिकों का सहयोग लिया जाना शुरू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त इन श्रमिकों के स्किल के आधार पर इन से कार्य लिए जाने के निर्देश जिला प्रशासन द्वारा दिए गए हैं। केस स्टडी
- सदर प्रखंड के छोटका नुआंव पंचायत में गोविदपुर से सोंवा बांध तक बनने वाले बाहा के निर्माण में विलंब हो रहा था। वहां के निर्माण के साथ-साथ किनारों पर पेड़ भी लगाए जाने हैं। बताया जा रहा है कि, श्रमिकों की उपलब्धता कम होने के कारण कार्य धीरे-धीरे चल रहा था। अब जबकि, काफी संख्या में नए श्रमिकों का जॉब कार्ड बना है उम्मीद है कि कार्य में तेजी आएगी इसके अतिरिक्त अनाज या खाद्य सामग्री की पैकेजिग और खाद्य प्रसंस्करण का काम भी गांवों में बढ़ेगा। जिस से शहरों की ओर पलायन की संस्कृति पर विराम लगेगा।
जिले में 4000 प्रवासी मजदूरों का बनेगा जॉब कार्ड
एक सप्ताह पहले तक हुए सर्वे के अनुसार जिले में अब तक कुल 4 ह•ार मजदूर बाहर से आए हैं। उनका जॉब कार्ड बनवा कर उन्हें मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिया जाना है। जिसके लिए सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मजदूरों के स्किल के हिसाब से उन्हें काम दिया जाएगा। मसलन यदि कोई पेंटर है तो उसे पेंटिग तथा बढ़ई को फर्नीचर निर्माण जैसे कार्य दिया जाएंगे। हर घर नल योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। इनमें भी अब स्थानीय मजदूरों से काम कराना है।
----------------------
बाहर से आए श्रमिकों को जॉब कार्ड बना मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिए जा रहे हैं। इसमें शारीरिक दूरी के नियम और मास्क गमछा लगाने के नियमों के पालन को अनिवार्य किया गया है।
अमन समीर, जिलाधिकारी, बक्सर।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस