सिनेमाजगत में बतौर मुख्य अभिनेता 'बॉबी' फिल्म से करियर की शुरुआत करने वाले ऋषि कपूर को आज हर कोई नम आंखों से अलविदा कह रहा है। 47 साल तक फिल्म इंडस्ट्री में ऋषि कपूर ने राज किया और हर किरदार में लोगों का दिल जीता। खास बात है इतने लंबे सफर में ऋषि ने न केवल अपनी अदाकारी से लोगों को इंप्रेस किया बल्कि उनकी फिल्म के डायलॉग भी लोगों की जुबान पर ऐसे चढ़े कि आज भी लोग दोहराते हुए नजर आते हैं। आगे की स्लाइड में देखिए ऋषि कपूर की फिल्मों के मशहूर डायलॉग्स....
ऋषि कपूर की फिल्म 'लैला मजनू' 1979 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में ऋषि के कई डायलॉग फेमस हुए थे। उनमें से एक सबसे ज्यादा चर्चा में जो रहा वो है.. 'संगमरमर से तराशा हुआ ये शोख बदन। इतना दिलकश है कि जी चाहता है..सुर्ख होठों में तरखती है वो रंगीन शराब, जिसको पी पीके बहक जाने को जी चाहता है। नरम सीने में धड़कते हैं वो नाजुक तूफान, जिनकी लहरों में उतर जाने को जी चाहता है। तुमसे क्या रिश्ता है कब से है ये मालूम नहीं, लेकिन इस हुस्न पर मर जाने को जी चाहता है। हमसे बेहतर है ये पाजेब जो इस पैर में है, इसी पाजेब में ढल जाने को जी चाहता है। रखले कल के ले ये दूसरी पाजेब-ए-दिल, कल इसी में फिर आने को जी चाहता है।'
'लैला मजनू' का एक और डायलॉग है जो चर्चा में रहा। ये डायलॉग है.. 'बेखबर सोए हैं वो लूट के नींदें मेरी, जज्बा-ए-दिल पे तरस खाने को जी चाहता है। कबसे खामोश हुए जो जाने जहां कुछ बोलो..क्या अभी और सितम ढाने को जी चाहता है।'
'लैला मजनू' का एक और डायलॉग है.. 'दुनिया के सितम याद, ना अपनी ही वफा याद....अब कुछ भी नहीं मुझको मोहब्बत के सिवा याद...'
ऋषि कपूर और मीनाक्षी की फिल्म 'दामिनी' सुपरहिट हुई थी। इस फिल्म में ऋषि कपूर का डायलॉग मशहूर हुआ था। 'जी करता है...तुम्हारी हर ख्वाहिश, हर इच्छा को अपना मकसद बनाना।'
पद्मिनी कोल्हापुरी और ऋषि कपूर की फिल्म 'प्रेम रोग' थी। इस फिल्म के गाने के अलावा डायलॉग भी हिट हुए। ऋषि कपूर का इस फिल्म में ये डायलॉग चर्चा में रहा.. 'सभी इंसान एक जैसे ही तो होते हैं। वही दो हाथ, दो पैर, आंखें, कान, चेहरा...सबके एक जैसे ही तो होते हैं...फिर क्यों कोई एक, सिर्फ एक ऐसा होता है जो इतना प्यारा लगने लगता है कि अगर उसके लिए जान भी देनी पड़े तो हंसते हुए दी भी जा सकती है।'
'दीवाना' फिल्म में ऋषि कपूर के अलावा शाहरुख खान और दिव्या भारती थे। इस फिल्म का जो डायलॉग मशहूर हुआ था वो है... 'मोहब्बत रीति रिवाज नहीं मानती..और ना ही वो लफ्जों की मोहताज है..'
'डी डे' फिल्म साल 2013 में आई थी। इस फिल्म में ऋषि कपूर के साथ इरफान खान भी थे। इस फिल्म का एक डायलॉग बहुत मशहूर हुआ था। 'ये मुल्क तो मेरी मां है...और मुंबई शहर मेरी माशूका'
साल 2009 में आई 'लव आजकल' फिल्म में भी ऋषि कपूर के एक डायलॉग ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। 'जाने से पहले, एक आखिरी बार मिलना क्यों जरूरी होता है?'
'औरंगजेब' फिल्म का डायलॉग भी काफी मशहूर हुआ था। ये डायलॉग था... 'बेहिसाब पॉवर ये बेशुमार पैसा..इन दोनों में से मुझे एक तो चाहिए'
'फना' फिल्म का एक डायलॉग है.. 'शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर गालिब...या वो जगह दिखा दे जहां खुदा ना हो..'