दादा साहब फाल्के | जिन्होंने सिखाया कि कहानी पर्दे पर धड़क सकती है

(दादा साहेब फाल्के के जन्मदिन पर इस खबर को दोबारा पब्लिश किया जा रहा है.)

एक ऐसा शख्स जिसने 1910 में फिल्म 'द लाइफ ऑफ क्राइस्ट' देखने के बाद से लगातार दो महीने तक उस समय रिलीज हुई सारी फिल्मों को देखने के बाद यह निर्णय लिया कि वह फिल्में बनाएगा और भारतीय फिल्म जगत में एक नया इतिहास रचेगा. और ऐसा हुआ भी. 3 मई, 1913 में दादा साहब फाल्के ने 'राजा हरिशचंद्र' नाम की पहली फिल्म बनाई, जो मुंबई में रिलीज की गई.इस फिल्म ने इतिहास रच दिया. उनके हुनर ने सिनेमा जगत को एक अलग पहचान दी. आज उनकी जयंती के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी पहली फिल्म के बारे में-
दादा साहेब फाल्के फिल्म महोत्सव के लिए चुनी गईं असमिया लघु फिल्में
दादासाहेब फाल्के अकादमी सबसे विश्वसनीय : पुसालकर

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