एक ऐसे इंजीनियर की कहानी जिसने किया 'नकल बॉल' का अविष्कार और 610 विकेट के साथ ली क्रिकेट से विदाई

महाराष्ट्र में श्रीरामपुर नगर में जन्में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान ने क्रिकेट करियर के दाैरान कई कामयाबियों को अपने नाम किया, लेकिन ज्यादादर चोटिल होने की वजह से 2015 को क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। जी हां तो चलिए आज हम आपको जहीर के जीवन और क्रिकेट करियर के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे है।क्रिकेट में दीवानगी देख पिता ने दिया स्पोर्ट

जहीर खान का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। उनके पिता फोटोग्राफर और मां टीचर थीं। अपनी शुरुआती पढ़ाई हिंद सेवा मंडल न्यू मराठी प्राइमरी स्कूल और उसके बाद केजे सोमैया सेकेंड्री स्कूल से की थी। स्कूल खत्म होने के बाद जहीर ने मेकैनिकल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में दाखिला लिया। जहीर क्रिकेट के दीवाने थे और इस दीवानगी को देखकर ही पिता ने 17 साल की उम्र में उन्हें मुंबई ले आए। जहां जहीर खान ने नेशनल क्रिकेट क्लब के शुरुआती 2 सत्रों के हर मुकाबलों में भाग लिया।
इस तरह की क्रिकेट की शुरुआत
शिवाजी पार्क जिमखाना के खिलाफ फाइनल में लिए गए 7 विकेटों ने जहीर खान को सुर्खियों में ला दिया। जिसके बाद जहीर खान को मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में चुन लिया गया। प्रथम श्रेणी का आगाज 1999-2000 में मुंबई की टीम में जगह न मिल पाने के कारण बड़ौदा की तरफ से किया था। इस सीरीज से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया और तीसरे सबसे सफल गेंदबाज और बाएं हाथ के सबसे सफल गेंदबाज के थे।घरेलू क्रिकेट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किया डेब्यू
जहीर खान को नैरोबी में खेली गई आईसीसी नॉक आउट ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला। इस मैच में उन्होंने 3 विकेट लिए और अपने दूसरे मुकाबले में जो कि विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वॉर्टरफाइनल था उसमें जहीर खान ने एडम गिलक्रिस्ट और कप्तान स्टीव वॉ को आउट कर भारत को ऐतिहासित जीत दिला दी।ग्रीम स्मिथ को था जहीर का खौफ
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ भले किसी भी मैदान और गेंदबाज के सामने कितने भी कामयाब रहे हों, लेकिन जहीर के सामने उनकी कभी नहीं चली। वे जहीर के सबसे पसंदीदा शिकार रहे। जहीर और ग्रीम स्मिथ का आमना-सामना कुल 25 बार हुआ। इसमें अकेले जहीर ने ग्रीम स्मिथ को 13 बार आउट किया। अकेले 10 टेस्ट पारियों में ग्रीम स्मिथ को जहीर ने आउट किया। इसके अलावा जहीर ने कुमार संगकार को 11 बार, सनथ जयसूर्या और मैथ्यू हेडन को कुल 10-10 बार आउट किया।
बल्लेबाज भी कम नहीं रहे थे जहीर
अपने करियर में जहीर खान ने कई बार साबित किया है कि वे एक अच्छे बल्लेबाज भी रहे हैं। अपने 12वें एकदिवसीय मुकाबले में जहीर खान ने हेनरी ओलांगा की चार गेंदों में चार छक्के लगाए थे. 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए जहीर खान ने 75 रन बनाए थे, जो कि वो स्कोर उस समय का 11वें नंबर के बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर था जिसे बाद में वेस्टइंडीज के टीनो बेस्ट ने तोड़ दिया था। उसी पारी में जहीर ने 10वें विकेट के लिए सचिन तेंदुलकर के साथ 133 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की थी।
ऐसा रहा करियर
जहीर अब तक 610 अंतरराष्ट्रीय विकेट ले चुके हैं। जहीर ने टेस्ट में 311 विकेट, वनडे में 282 और टी-20 में 17 विकेट लिए हैं। जहीर खान के नाम प्रथम श्रेणी मैचों में 652 विकेट हैं। लिस्ट ए करियर में उनके नाम 357 और घरेलू टी-20 मुकाबलों में 119 विकेट हासिल किए हैं। तेज गेंदबाजी में एक नया हथियार जहीर खान ने ही जोड़ा। उन्‍होंने नकल बॉल का परिचय कराया। नकल बॉल से जहीर ने काफी विकेट हासिल किए। इसके बाद जहीर से सीखकर भुवनेश्‍वर कुमार, एंड्रयू टाई और जोफ्रा आर्चर जैसे दिग्‍गज गेंदबाजों ने भी इसे अपना प्रमुख हथियार बनाया। यही नहीं, जहीर खान को रिवर्स स्विंग का बादशाह भी माना जाता है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने पुरानी गेंद को गजब का स्विंग कराया और बल्‍लेबाजों को खूब परेशान किया।
एक नजर इनके रिकाॅर्ड्स पर
- 2011 वर्ल्ड कप में वो शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। - टेस्ट में 300 से ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बने।

अन्य समाचार