बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में बुधवार को निधन हो गया। वह 53 साल के थे और लंबे समय से न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नाम के कैंसर से जंग लड़ रहे थे। उनके परिवार में पत्नी सुतापा और दो बेटे बाबिल और अयान हैं।
इरफान खान के निधन से पूरा बॉलीवुड शोक में डूब गया है। इस बात पर किसी को यकीन ही नहीं हो रहा कि अभिनेता इरफान खान अब हम सबके बीच नहीं रहे। उनके साथ काम कर चुके अभिनेता बेहद दुखी हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि ये कैसे हो गया।
बीबीसी से बात करते हुए अभिनेता रघुबीर यादव कहते हैं, 'बेहद तकलीफ वाली खबर है जिस पर यकीन नहीं करना चाहता। मैंने और इरफान खान ने एक साथ फिल्म सलाम बॉम्बे में काम किया था। मेरा और इरफान का रिश्ता नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से था। वो बहुत ही मेहनती इंसान और साफ दिल वाले इंसान थे। मुझे अच्छे से याद है हम सलाम बॉम्बे फिल्म के लिए साथ ही रहा करते थे। अंधेरी के एक छोटे से मकान में। अपने किरदार को समझने के लिए हम दिन भर सड़कों पर घूमते रहते थे। दिन रात कई सारी बातें होती थीं, अभिनय को लेकर जिंदगी जीने के नजरियों को लेकर। हमने सलाम बॉम्बे के लिए एक वर्कशॉप किया था जहां हमारे साथ 150 छोटे बच्चे थे। उन बच्चों के साथ वक्त बिताना हम दोनों को ही बेहद पसंद था। हम खूब मस्ती करते हंसते और बहुत कुछ सीखते थे। आज वो सारे पल मेरी आंखों के सामने घूम रहे हैं। इतनी जल्दी इस तरह छोड़कर जाना बर्दाश्त नहीं हो रहा है।'
अभिनेत्री माही गिल उन्हें याद करते हुए भारी मन से कहती हैं, 'मुझे बेहद पीड़ा हो रही है, मैंने उनके साथ साहिब बीवी और गैंगस्टर, और पान सिंह तोमर जैसी फिल्में की हैं। मैं जब न्यू कमर थी तब वो मुझे हमेशा से ही प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने मेरी बहुत मदद की अभिनय को लेकर, वो बहुत अच्छे और सबकी मदद करने वाले इंसान थे। मुझे ये बात खाए जा रही है कि इस कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन है और मैं उनके आखिरी दर्शन भी नहीं कर सकी। उनसे एक बार मिल पाते, उन्हें एक बार देख पाते... इसका अफसोस मुझे जिंदगी भर रहेगा।'
फिल्म लंच बॉक्स में साथ में काम करने वाली अभिनेत्री निमरत कौर का कहना है कि, 'मुझे अंदाजा तो था कि उनकी तबीयत बेहद खराब है इसलिए मैं कल रात से प्रार्थना कर रही थी कि वो इस मुश्किल की घड़ी से निकल पाएं। उनके बारे में इस तरह बात करना मुझे बेहद अजीब लग रहा है क्योंकि ये बहुत दुखद है। बहुत बेहतरीन इंसान थे। हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े हुए एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते थे। वो बहुत मजाकिया भी थे। उनके आस पास हमेशा हंसी मजाक ही चलता था। उनकी सोच जिंदगी और लोगों को लेकर बहुत कमाल की थी। मैंने उनसे ये सभी खूबी सीखने की कोशिश की थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वो बड़ा चेहरा हैं हिंदी सिनेमा का। बाहर हिंदी सिनेमा को उनके नाम और दर्जे से जाना जाता है। उनके जैसे अभिनेता को खोना हमारे हिंदी सिनेमा का बहुत बड़ा नुकसान है।'
जाने माने निर्देशक और निर्माता संजय गुप्ता जिन्होंने इरफान खान और अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन को लेकर जज्बा फिल्म बनाई थी, उनका कहना है कि, 'भारतीय सिनेमा के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान है उन जैसे प्रतिभाशाली अभिनेता का इस तरह हमें छोड़ जाना। मैंने उनके साथ दो फिल्में की थीं, उन जैसा अभिनेता मिलना बेहद मुश्किल है। मेरे लिए ये खबर बहुत चौंका देने वाली है।'
वहीं अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि, 'मैं बेहद दुखी हूं ये जानकार कि मेरा करीबी मित्र, अच्छा अभिनेता और मेरा एनएसडी का जूनियर इरफान खान अब हमारे बीच नहीं है। ये नुकसान है भारत का, इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का। वो बहुत अच्छे अभिनेता थे ये बात सबको पता है लेकिन वो बेहद अच्छे इंसान भी थे, खुल्लमखुला बोलने वाले इंसान और बेहद मजाकिया भी। वो बहुत कम उम्र में चले गए। 53 उम्र नहीं होती दुनिया को अलविदा कहने की। मेरी सहानभूति उनकी पत्नी और बच्चों के लिए है। हमें बहुत वक्त लग जाएगा इस बात को स्वीकार करने में कि वो अब हमारे बीच नहीं हैं।'
अभिनेता केके मेनन ने इरफान खान के साथ कुल चार फिल्मों में काम किया था, 'हैदर', 'लाइफ इन अ मेट्रो', 'काली सलवार' और 'मुंबई मेरी जान'। उन्होंने कहा, 'ये बहुत बड़ी नाइंसाफी है इस तरह उनका जाना। मैं क्या बोलूं मेरे पास तो कोई शब्द ही नहीं हैं कुछ बोलने के लिए। मेरा उनके साथ बेहद खास रिश्ता था। अभी फिलहाल जबसे वो बीमार चल रहे थे तब से हमारी बात नहीं हुई लेकिन उससे पहले हमारी बहुत बातचीत होती थी। हम कई बातों पर चर्चा किया करते थे। उनका जाना इस कदर बेहद दुखद है जिसे बता पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल है'इरफान खान के परिवारवालों के लिए ये बेहद दुख की घड़ी है क्योंकि कुछ दिन पहले ही इरफान की 95 वर्षीय मां सईदा बेगम का जयपुर में इंतकाल हुआ था।