इरफान खान / एक समर्थ अभिनेता का अवसान, बमुश्किल होगा दूसरा ऐसा मिलना

कोरोना वायरस के चलते बंद पड़े फिल्म उद्योग को आज उस वक्त गहरा सदमा लगा जब मुम्बई स्थित कोकिलाबेन अस्पताल से एक दुखद समाचार मिला। पिछले कुछ दिनों से भर्ती अभिनेता इरफान खान का निधन हो गया। इस समाचार के फैलते ही बॉलीवुड में शोक की लहर छा गई। इरफान खान बॉलीवुड के ऐसे सितारे थे जिन्होंने अपने अभिनय से न सिर्फ भारतीय अपितु हॉलीवुड फिल्मकारों को अपना प्रशंसक बनाया था।

राजस्थान के टोंक जिला स्थित खजुरिया गांव में पैदा हुए इरफान खान ने 1984 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय का प्रशिक्षण लिया। हालांकि इससे पहले वे स्कूल और कॉलेज के दिनों में क्रिकेट खेला करते थे। इरफान खान का चयन सी.के. नायडू टूर्नामेंट के लिए भी हुआ था। 1988 में मीरा नायर की फिल्म 'सलाम बॉम्बे' के जरिये बड़े परदे पर आए इरफान खान ने कई टीवी धारावाहिकों में काम किया था। 'सलाम बॉम्बे' में उनकी भूमिका काफी बड़ी थी लेकिन जब फिल्म एडिट होकर प्रदर्शित हुई तो वे सिर्फ कैमियो करते नजर आए। 1989 में वे अभिनेत्री रूपा गांगुली के साथ बासु चटर्जी की फिल्म 'कमला की मौत' में नजर आए।
वर्ष 2001 तक कई असफल फिल्मों में नजर आए इरफान खान को पहचान मिली लंदन मूल के निर्देशक आसिफ कपाडिय़ा की फिल्म 'वारियर्स' से, जिसे सिर्फ 11 सप्ताह में हिमाचल और राजस्थान में शूट किया गया था।। अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में इस फिल्म ने एक अलग पहचान बनाई। यहीं से इरफान खान ने लोकप्रियता का स्वाद चखा। इरफान खान एक बेहतर अभिनेता हैं इस बात को सबसे पहले बॉलीवुड के निर्देशक विशाल भारद्वाज ने पहचाना जिन्होंने उन्हें मुख्य भूमिका में लेकर फिल्म 'मकबूल' का निर्माण व निर्देशन किया। इस फिल्म में उनके साथ उस समय के तीन ख्यात सितारों पंकज कपूर, ओमपुरी और नसीरउद्दीन शाह ने काम किया था। साथ में थी तब्बू। मकबूल पूरी तरह से इरफान खान की फिल्म थी, जिसमें उन्होंने अपने अभिनय का ऐसा रंग दिखाया जिससे पूरा बॉलीवुड प्रभावित हुआ। हालांकि इससे पहले 2003 में भी इरफान खान ने तिग्मांशु धूलिया की फिल्म 'हासिल' में बेहतरीन अभिनय पेश किया था। इस फिल्म में उन्होंने खलनायक रणविजय सिंह की भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्होंने फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त किया था। पिछले छह-सात सालों में उन्होंने कई अच्छी फिल्मों 'पीकू', 'तलवार', 'जज्बा', 'द लंच बॉक्स' में बतौर नायक काम किया। वर्ष 2011 मेंं प्रदर्शित हुई तिग्मांशु धूलिया की 'पानसिंह तोमर' के लिए जहाँ उन्होंने नेशनल अवार्ड मिला, वहीं दूसरी ओर उनके करियर की सर्वाधिक सफल फिल्म 'हिन्दी मीडियम' के लिए उन्होंने 2017 में एक बार फिर से फिल्मफेयर का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
वर्ष 2001 तक कई असफल फिल्मों में नजर आए इरफान खान को पहचान मिली लंदन मूल के निर्देशक आसिफ कपाडिय़ा की फिल्म 'वारियर्स' से, जिसे सिर्फ 11 सप्ताह में हिमाचल और राजस्थान में शूट किया गया था।। अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में इस फिल्म ने एक अलग पहचान बनाई। यहीं से इरफान खान ने लोकप्रियता का स्वाद चखा।
इरफान खान एक बेहतर अभिनेता हैं इस बात को सबसे पहले बॉलीवुड के निर्देशक विशाल भारद्वाज ने पहचाना जिन्होंने उन्हें मुख्य भूमिका में लेकर फिल्म 'मकबूल' का निर्माण व निर्देशन किया। इस फिल्म में उनके साथ उस समय के तीन ख्यात सितारों पंकज कपूर, ओमपुरी और नसीरउद्दीन शाह ने काम किया था। साथ में थी तब्बू। मकबूल पूरी तरह से इरफान खान की फिल्म थी, जिसमें उन्होंने अपने अभिनय का ऐसा रंग दिखाया जिससे पूरा बॉलीवुड प्रभावित हुआ। हालांकि इससे पहले 2003 में भी इरफान खान ने तिग्मांशु धूलिया की फिल्म 'हासिल' में बेहतरीन अभिनय पेश किया था। इस फिल्म में उन्होंने खलनायक रणविजय सिंह की भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्होंने फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त किया था। पिछले छह-सात सालों में उन्होंने कई अच्छी फिल्मों 'पीकू', 'तलवार', 'जज्बा', 'द लंच बॉक्स' में बतौर नायक काम किया। वर्ष 2011 मेंं प्रदर्शित हुई तिग्मांशु धूलिया की 'पानसिंह तोमर' के लिए जहाँ उन्होंने नेशनल अवार्ड मिला, वहीं दूसरी ओर उनके करियर की सर्वाधिक सफल फिल्म 'हिन्दी मीडियम' के लिए उन्होंने 2017 में एक बार फिर से फिल्मफेयर का पुरस्कार प्राप्त हुआ।
उनके अभिनय से सजी अन्तिम फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' का प्रदर्शन 13 मार्च 2020 को हुआ था, लेकिन अचानक से कोरोना के चलते पूरा भारत लॉक आउट हो गया जिससे दर्शक इस फिल्म को देखने से वंचित रह गए। यह वर्ष 2017 में आई 'हिन्दी मीडियम' का सीक्वल था। हालांकि जिन दर्शकों ने इस फिल्म को देखा है उनका कहना है कि इरफान खान निश्चित तौर पर इस वर्ष भी इस फिल्म में किए अभिनय के लिए पुरस्कार के हकदार हैं। इरफान खान ने बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया था। इनमें द अमेजिंग स्पाइडर मैन (2012), लाइफ ऑफ पाई (2012), जुरासिक वल्र्ड (2015) और इनफर्नो (2016) हैं। मात्र 53 वर्ष की उम्र में अचानक इस तरह से उनका इस दुनिया से चले जाना अखरता है। इरफान खान बॉलीवुड के समर्थ अभिनेता थे, जो किसी भी प्रकार की भूमिका को परदे पर जीवंत करने में माहिर थे। इसका अंदाजा हमें उनकी फिल्म 'जज्बा' से होता है जिसमें उन्होंने एंग्रीयंग मैन की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में उनके साथ ऐश्वर्या राय बच्चन ने नायिका की भूमिका की थी।
उनके अभिनय से सजी अन्तिम फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' का प्रदर्शन 13 मार्च 2020 को हुआ था, लेकिन अचानक से कोरोना के चलते पूरा भारत लॉक आउट हो गया जिससे दर्शक इस फिल्म को देखने से वंचित रह गए। यह वर्ष 2017 में आई 'हिन्दी मीडियम' का सीक्वल था। हालांकि जिन दर्शकों ने इस फिल्म को देखा है उनका कहना है कि इरफान खान निश्चित तौर पर इस वर्ष भी इस फिल्म में किए अभिनय के लिए पुरस्कार के हकदार हैं।
इरफान खान ने बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया था। इनमें द अमेजिंग स्पाइडर मैन (2012), लाइफ ऑफ पाई (2012), जुरासिक वल्र्ड (2015) और इनफर्नो (2016) हैं।
मात्र 53 वर्ष की उम्र में अचानक इस तरह से उनका इस दुनिया से चले जाना अखरता है। इरफान खान बॉलीवुड के समर्थ अभिनेता थे, जो किसी भी प्रकार की भूमिका को परदे पर जीवंत करने में माहिर थे। इसका अंदाजा हमें उनकी फिल्म 'जज्बा' से होता है जिसमें उन्होंने एंग्रीयंग मैन की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में उनके साथ ऐश्वर्या राय बच्चन ने नायिका की भूमिका की थी।

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