लॉकडाउन के चलते अपने आप को कैसे रखे फिट?, जाने

कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन का आज 37वां दिन है. यह इंसानी प्रवृत्ति है कि किसी स्थिति में लंबे समय तक रहने के दौरान हम उस स्थिति के प्रति कम सतर्क या ढीले पड़ने लगते हैं.

कोरोना काल में यह ढील आपके व आपके परिवार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मुसीबत बन सकती है. दिन में ठीक समय पर भोजन करने से लेकर नीयत समय पर कार्य करके सोने जैसी आदतें मानसिक अवसाद से बचाने में अच्छा सिद्ध हुई हैं. दुनिया स्वास्थ्य संगठन कहता है कि कोरोना से लड़ने के लिए लोगों को सामाजिक दूरी अपनाने व बार-बार हाथ धुलने के साथ ही अपनी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी ज्यादा सतर्क होना होगा. आइए जानते हैं कि किस तरह आप अपने मन को सकारात्मक बनाए रख सकते हैं.
व्यायाम की आदत न छोड़ें यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी ने अध्ययन में पाया कि ऑस्ट्रेलिया में एक महीने के लॉकडाउन के दौरान वे लोग मानसिक अवसाद से मुक्त रहे जो प्रतिदिन कम से कम एक घंटे व्यायाम करते थे. हिंदुस्तान में जारी लॉकडाउन के दौरान कौन सा वर्ग मानसिक अवसाद से लड़ने में सबसे पास है, इसका तो अभी कोई अध्ययन सामने नहीं आया है. पर विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर कोई रोज व्यायाम करने की आदत को अब जारी नहीं रख पा रहा है तो उसे अपने घर और फिटनेस के प्रति सजग रहने वाले दोस्तों से इस पर बात करके प्रेरणा लेनी चाहिए. हर आयुवर्ग के लिए कम से कम बीस मिनट तक रोज व्यायाम करें.
कम्युनिटी ग्रुप की मदद लें इस वक्त आप जिस मानसिक दौर से गुजर रहे हैं, बहुत संभव है कि अच्छा वैसा ही हाल आपके पड़ोसी, दोस्त से लेकर दूसरे देश में बैठे किसी अजनबी का हो. कोरोना ने पनपे इस साझा डर को शेयर करते रहें, आप अपने फैमिली व्हाट्सएप ग्रुप, फ्रेड्स ग्रुप के अतिरिक्त फेसबुक पर संचालित तमाम ग्रुप और पेज के जरिए भी कोरोना से जुड़ी अपनी समस्याएं लोगों से बांट सकते हैं.अपना ख्याल रखने की आदत बनाएं यह बहुत स्वाभाविक है कि घर में रहते हुए आपको रात में देर तक जागने की आदत हो जाए, जिससे आप प्रातः काल देर से उठें. होने कि सम्भावना है कि रोज अभ्यास करने का रुटीन बिगड़ गया हो या आप पूरा दिन नाइटसूट में ही गुजार दें. ब्रिटेन की साइकोथेरेपिस्ट पामेला रॉबर्ट कहती हैं कि यह समय बहुत सरलता से अवसाद की ओर ढकेल सकता है इसलिए महत्वपूर्ण है कि लॉकडाउन में लोग अपना रूटीन न बिगड़ने दें. लोग अपनी स्वच्छता, पौष्टिक भोजन, आठ घंटे की नींद लेने के नियमों का पालन करने की आदत बनाएं. तय रुटीन बिगड़े तो अगले दिन उसका सख्ती से पालन करने के लिए खुद को उत्साहित करें.अपने प्रति दयालु रहें मनोविशेषज्ञ कहते हैं कि हमें अपने शरीर व मन के प्रति सख्त भाव से कई बार बचना चाहिए. हर वक्त खुद को तय नियम और दिनचर्या में लगाए रहना भी अच्छा नहीं है. अगर आपका कोई कार्य करने का मन नहीं हो तो उस दिन खुद को पूरी तरह आराम दें. आराम के दौरान सकारात्मक सोच रखें, अपना ख्याल रखने पर ध्यान दें. क्रमश:खुद को व्यस्त करें लॉकडाउन में घर चलाने, जॉब के प्रति असुरक्षा, बच्चों की पढ़ाई, घर में किसी मेम्बर की बीमारी से जुड़ी चिंताएं इस समय आपको परेशान कर रही होंगी. इन चिंताओं से मुक्त हो जाना तो कठिन है पर इसका हल निकालने के लिए महत्वपूर्ण है कि आपका दिमाग हर वक्त चिंताओं से न घिरा रहे. औनलाइन नयी चीजें सीखें.

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