ईश्वर की सिफारिश लेकर फिल्मों में काम मांगने जाया करते थे पंकज त्रिपाठी, सुनाया मजेदार किस्सा

पंकज त्रिपाठी ने अपने अभिनय के बल पर बॉलीवुड में अपनी अलग छाप छोड़ी है। उनके हर किरदार में एक नयापन दिखता है। जब भी उनकी कोई नई फिल्म या वेबसीरीज आती है तो मानो लगता है कि उनमें किसी युवा का तरह निखार आता जा रहा है। ये पंकज त्रिपाठी की सालों की मेहनत का नतीजा है। इन दिनों अभिनेता लॉकडाउन में अपने संघर्ष से जुड़ी यादें साझा कर रहे हैं।

हाल ही में पंकज त्रिपाठी ने अपने संघर्ष से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है। इसमें वो कहते हैं, 'मैं अपनी पत्नी के साथ 2004 में मुंबई आ गया। मुंबई आने से पहले मैंने पत्नी से कह दिया था कि संघर्ष लंबा होगा इसलिए बीएड कर लो ताकि एक कमाता रहे। क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मेरा क्या होगा। मुंबई में आते ही मैं शुरुआत में अपने दोस्त के घर रहा। मैं पत्नी के साथ अखबार में स्कूल में नौकरी के इश्तेहार देखता था।'
उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने बिना वैकेंसी के ही पत्नी को एक स्कूल में बायोडाटा पहुंचाने के लिए मनाया। इसके बाद उनकी पत्नी ने स्कूल में जाकर बायोडाटा दिया। हालांकि रिसेप्शन पर उन्हें कह दिया गया कि कोई नौकरी नहीं हैं यहां, लेकिन उन्होंने बायोडाटा रख लिया। और ये कहा गया कि अगर नौकरी होगी तो बुला लेंगे।
पंकज त्रिपाठी ने आगे बताया, 'उस दौरान मेल की सुविधा नहीं थी। फोटो देखने के बाद ऑडिशन में बुलाया जाता था। तब कास्टिंग डायरेक्टर्स नहीं होते थे और एक्टर्स को कास्ट करने के लिए प्रोफेशनल माहौल नहीं होता था। ऐसे में हमें असिस्टेंट डायरेक्टर्स और ऐसे ही फिल्म की यूनिट से जुड़े लोगों पर निर्भर रहना पड़ता था।'
उन्होंने कहा, 'मैंने प्रोडक्शन हाउस में कहना शुरू कर दिया था कि मुझे ईश्वर जी ने भेजा है जिसके बाद मेरी एंट्री हो जाया करती थी। जब मुझसे ईश्वर जी के बारे में पूछा जाता था तो मेरे पास कोई जवाब नहीं होता था और मैं ऊपर की तरफ उंगली उठा देता था। कई लोग मेरे सेंस ऑफ ह्यूमर से इंप्रेस हो जाते थे तो कई ऐसे भी थे जो फ्रस्ट्रेट हो जाते थे। इस दौरान मेरी पत्नी की नौकरी लग गई थी जिससे मुश्किल थोड़ी कम हुई। पंकज त्रिपाठी ने कहा कि इंसान को लगातार कोशिश करते रहना चाहिए। आप एक दिन अपने प्रयासों में सफल जरूर होते हैं।
पंकज त्रिपाठी ने साल 2004 में फिल्म 'रन' से अपने करियर की शुरुआत की थी। साल 2012 में आई फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में उन्हें पहचान मिली। कई बड़ी फिल्मों में नजर आए। फिर मिर्जापुर वेबसीरीज से उनका नाम हर शख्स की जुबान पर चढ़ गया। पंकज आखिरी बार फिल्म अंग्रेजी मीडियम में नजर आए थे।

अन्य समाचार