गायिका सोना मोहपात्रा अपने भावपूर्ण आवाज़ से रोमांटिक और सूफी गाने के लिए चर्चित है। जहाँ बॉलीवुड फिल्मो महिला गायिका की सोलो गाने काम नज़र आते है वहीँ यह एक सुखद आश्चर्य होगा जहाँ सोना ने इस लॉकडाउन में शाह रुख खान स्टार्रर फिल्म रईस का प्रसिद्ध गाना ज़ालिमा एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत करने जा रही है।
सोना में एक अनोखा योग्यता है वह किसी भी पुराने गाने को अपनी आवाज़ से नयापन ले आती है। उनके ज़ालिमा के नए वर्शन में कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा जो ओरिजिनल वर्शन अरिजीत सिंह का गया गाने से काम नहीं है। सोना ने घर में रह कर इस वर्शन को क्रिएट किया है जिसमे कुछ दिलचस्प ग्राफ़िक्स नज़र आएगा जो आज से कुछ समय पहले की हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री गायिकाओं के प्रति दर्शाती है। इस म्यूजिक वीडियो को रिलीज़ करने का एक ही मकसद है इस लॉकडाउन में लोगो के बीच खुशियां फैलाना।
सोना कहती है, "यह एक कठिन प्रस्तिथि है ख़ास कर सभी संगीतकारों और गायको के लिए। हमारी म्यूजिक इंडस्ट्री में गायक और संगीतकारों को किसी भी प्रकार की कोई रॉयल्टी नहीं मिलती पश्चिम देशको के मुक़ाबले। यहाँ हम कलाकारों को स्टेज कंसर्ट्स करने पड़ते पैसे कमाने के लिए। लॉकडाउन और इस महामारी की वजह से हम संगीतकारों बिना किसी स्टेज शो या कॉन्सर्ट के नुकसान उठाना पद सकता है। इस विकट समय में मेरे जैसे कई संगीकारों ने अपनी भावनाओ को कण्ट्रोल करते हुए अपने सभी प्रशंषको को लिए लाइव प्रदर्शनी दे रहे है उनके बीच हर्ष और मोहब्बत बाँट रहे है। मैंने ये भी समझा इस कठिन परिस्तिथि में एक संगीतकार ही अपने हुनर और काबिलियत और बिना आदिक सादन लोगो का मनोरंजन कर सकते है। घर में बनाया हुआ मेरा म्यूजिक वीडियो एक छोटा सा प्रयास है लोगो के बीच ईमानदारी से खुशियां बांटनाहै।"
ज़ालिमा को रेक्रिएट करने की एक और वजह बताते हुए सोना कहती है, "बहुत कम ही लोग जानते है महिला गायिका की आवाज़ में ज़ालिमा का ओरिजिनल गाना गाने के लिए मुझे ऑफर हुआ था लेकिन मैंने मना कर दिया था क्यों इस गाने की आखरी कुछ कड़ी महिला गायिका के लिए आरक्षित की गयी थी। मुझे योग्य नहीं लगा, किसी ऐसे गाने का हिसस नहीं बनना था जहाँ रोमान्स को एक तरफ़ा नापा जा रहा था।"