कोरोना संक्रमण के बीच ब्रिटेन में बच्चों में दिल के सूजन, पेट में दर्द और डायरिया के लक्षण सामने आ रहे हैं। यहां की स्वास्थ्य संस्था नेशनल हेल्थ सर्विसेज ने बच्चें के लिए अलर्ट जारी किया है। पिछले तीन हफ्तों के दौरान आईसीयू में अलग-अलग उम्र के बच्चों के बीच देखे गए इन लक्षणों का संबंध कोरोना वायरस से हो सकता है। इसे डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे लक्षणों वाले कुछ बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव भी आई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम कह रहे हैं और इसकी तुलना शॉक सिंड्रोम और कावासाकी डिजीज से कर रहे हैं। आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
इस तरह के इनफ्लेमेट्री सिंड्रोम से कितने बच्चे संक्रमित हैं, यह आंकड़ा फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। पीडियाट्रिक इंटेंसिव सोसाइटी ने इस संबंध में ट्वीट किया है कि बच्चों में शॉक सिंड्रोम, कावासाकी डिजीज और कोरोना तीनों के मिले-जुले लक्षण एक साथ दिख रहे हैं। शॉक सिंड्रोम और कावासाकी डिजीज में शरीर के अंदरूनी हिस्सों में सूजन होती है और बुखार के अलावा सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। हालांकि विशेषज्ञों फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। उनके मुताबिक इसके पीछे की वजह कुछ और भी हो सकती है।
कावासाकी डिजीज शरीर की रक्तवाहिनियों से जुड़ी बीमारी है, जिसमें रक्तवाहिनी की दीवारों में सूजन होती है और यह सूजन हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को कमजोर कर देती है। गंभीर स्थिति में हार्ट फेल्योर या हर्ट अटैक भी होने की संभावना होती है। बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते दिखना, हाथों और गले में सूजन और आंखों का लाल होना इसके लक्षणों में शामिल है। नए मामलों की तुलना कावासाकी से की जा रही है।
नेशनल हेल्थ सर्विसेज के मुताबिक, बीते तीन हफ्ते से बच्चों में ये लक्षण दिख रहे हैं। ब्रिटेन के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एलिजाबेथ विटेकर के मुताबिक इटली और स्पेन में भी ऐसे ही मामले देखे गए थे। उनके मुताबिक, फिलहाल ऐसे मामलों की संख्या कम है लेकिन नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, शरीर का बढ़ता तापमान, खांसी, डायरिया कोविड-19 के लक्षण हैं, जबकि इसके नए लक्षणों में गंध या स्वाद महसूस न होना भी शामिल है। हालांकि, पीडियाट्रिक इमरजेंसी रिसर्च के चेयरमैन डॉ. रोलैंड के मुताबिक, पेट के दर्द से जूझ रहे बच्चों को खतरा है और इस बीमारी को जल्द ही समझना जरूरी है।