लॉकडाउन के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के साथ भारत पर भी गहरी चोट पड़ी है ऐसे में लॉक डाउन 3 मई को खत्म हो रहा है कोरोना से जंग में भारत के लिए समय पर लगे लॉक डाउन में अहम रोल निभाया है लेकिन कोरोना का संकट भले टल गया हो लेकिन खत्म नहीं हुआ है।
ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि लॉक डाउन को हटाने के वक्त ही कोरोना से लड़ाई की दिशा तय करेगा अगर लॉकडाउन जल्दी बाजी में हटा दिया गया था चारों लोगों की मौत हो सकती है वहीं दूसरी और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ गतिविधियां शुरू करने जरूरी है ऐसे में लॉक डाउन हटाने से पहले कुछ चुनौतियों को पूरा करना होगा।
1संक्रमित व्यक्ति के कॉन्ट्रैक्ट को ट्रेस करना :भारत में बहुत बड़ी आबादी है ऐसे में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को तलाशना के अलावा उसके सम्पर्क में आए लोगों की जांच भी जरूरी है वुहान में पांच-पांच लोगों की 18 टीमें बनाई गई थी वही साउथ कोरिया में 2 . 90 लाख लोगों के संपर्क में आए लोगों की तलाश सीसीटीवी सर्विलांस और मोबाइल नेटवर्क, एटीएम ट्रांजैक्शन के जरिए किया गया वहीं भारत ने इस दिशा में कदम उठाने के लिए आरोग्य सेतु अपने है लेकिन भारत में इसके यूजर नहीं है कि आसानी से सभी संपर्कों की तलाश हो सके।
2 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना का असर आने वाले महीनों में भी दिखेगा इसलिए मास्क और फेस कवर को जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा इसके अलावा जब तक कोई वेक्सीन नहीं बन जाती बाजारों ,बसों और ट्रेनों में भीड़ पर कंट्रोल करना होगा इसके अलावा सोशल डिस्टेंस को अपने स्वभाव में डालना होगा।
3 ज्यादा टेस्ट करने होंगे :कोरोना से जंग में टेस्टिंग को हथियार माना जा रहा है लेकिन इस मामले में हम अभी तक काफी पीछे हैं प्रति 1000000 टेस्टिंग के मामले में भारत पाकिस्तान और श्रीलंका से भी पीछे है यहां तक कि संक्रमित वाले 213 देशों में सिर्फ हमने हमसे 33 देश पीछे हैं वहीं 38 का आंकड़ा नहीं मिला है अमेरिका ने लक्ष्य रखा है यह हर रोज 2 . 2 करोड़ टेस्ट होते है जिससे 2 हफ्तों में पूरे देश की जनसंख्या के टेस्ट हो सके वहीं भारत में अभी भी सिर्फ 50000 से भी कम टेस्ट हो रहे टेस्टिंग ना होने के चलते वायरस तेजी से फैलता है।
4 हेल्थ सिस्टम रहे मजबूत :कोरोना वायरस जंग लड़ रहे कोरोना वायरस यानी हमारी डॉक्टर अहम भूमिका निभा रहे हैं ऐसे में हमें डॉक्टर हेल्थ वर्कर्स को सेफ रखना जरूरी है साथ ही हमें समय रहते हेल्थ केयर सिस्टम भी मजबूत करना है हालांकि भारत ने इस दिशा में काफी तेजी से कदम बढ़ाए हैं पिछले 1 महीने में 70 से 900 अस्पतालों में अब कोरोना का इलाज होने लगा है वही वेंटिलेटर पीपीई किट ,और टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ी है हमें यह कदम जारी रखने होंगे।