सैयां का छूटा पान, खैनी मुक्त हुआ पिकदान

बक्सर : डुमरांव के बसंत राय दिनभर में 10-12 पान चबा लेते थे। वे चाहते थे कि पान की उनकी बुरी लत छूट जाए, लेकिन पूरे दिन बाजार का चक्कर तथा मित्रों की संगत से चाहकर भी पान और तंबाकू की आदत छोड़ नहीं पाए। अब लॉकडाउन में उन्हे याद भी नहीं कि पान कब खाया था। लॉकडाउन के चलते बंद पड़ी बाजार की पान दुकानें तथा पान पत्ता का सप्लाई नहीं होने से उनकी यह आदत स्वत: छूट गई है।

कोरोना संक्रमण से सावधानी में व्यसन की आदत से दूर होने वाले वे अकेले नहीं हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण में प्रकृति के साथ ही मानव जीवन शैली में बड़ा परिवर्तन आया है। ऐसे में इसका सदुपयोग अपनी बुरी आदतों को छोड़ने में किया जाए तो यह बदलाव सुखद अहसास देकर जीवन को खुशनुमा बनाएगा। दरअसल, कोरोना वायरस का संक्रमण तंबाकू के तलबगारों के लिए नया सवेरा लेकर आया है। पान, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, खैनी आदि माध्यमों से तंबाकू का सेवन करनेवाले लोगों की तलब बाजार बंद होने के चलते पूरी नहीं हो रही है। कल तक यह सोचनेवाले की तंबाकू के बिना जी नहीं पाऊंगा, वे आज इससे मुक्ति का अनुभव कर रहे हैं। शुरू में कई दुकानदार चोरी-छिपे तंबाकू की बिक्री करते रहे। लेकिन, लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद बाहर से माल नहीं आने के कारण दुकानों के शटर स्थाई रूप से बंद हो गए।
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बुरी आदत से बचने का सही मौका, नुकसानदायक है तंबाकू सेवन
होमी भाभा कैंसर संस्थान के विशेषज्ञ तथा बक्सर कैंसर डिटेक्शन सेंटर के प्रभारी डॉ. धनंजय सिंह ने कहा कि तंबाकू का सेवन बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि मुंह के कैंसर में तंबाकू का बड़ा योगदान है। इससे एक बड़ी आबादी परेशान है। डुमरांव के डॉ.राजेश कुमार का कहना है कि तंबाकू की लत मनुष्य का दुश्मन है। अगर कोरोना वायरस के इस संक्रमण के चलते लोगों को तंबाकू से मुक्ति मिल जाए तो यह अच्छी बात होगी।
Posted By: Jagran
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