मधेपुरा। कोरोना वायरस को लेकर बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेत्तर महासंघ कर्मचारियों की हालत दयनीय हो गई है। परंतु सरकार द्वारा शिक्षक एवं कर्मियों के पिछले आठ वर्षो से बांकी अनुदान की राशि भुगतान नहीं किया है। संघ के सदस्यों ने कहा कि सरकार वित्त रहित कॉलेजों के कर्मियों के प्रति संवेदनहीन हो गई है। संघ के सदस्यों ने बिहार सरकार को जनवरी माह में ही पत्र लिखकर बकाया अनुदान की राशि भुगतान करने की मांग की थी। इसके पहले एवं बाद भी कई बार भुगतान करने को लेकर सरकार को पत्राचार किया गया। परंतु अब तक सरकार द्वारा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। संघ के अध्यक्ष अरविन्द कुमार यादव ने कहा कि बिहार में 70 प्रतिशत छात्रों का अध्ययन वित्त रहित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में होता है। परंतु विगत 35 वर्षो से भी अधिक समय से शिक्षक एवं कर्मी बिना वेतन के कार्य करने पर विवश हैं। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2008 में छात्रों के परीक्षाफल के आधार पर अनुदान देने का निर्णय लिया गया था। इसमें वर्ष 2011 तक अनुदान की राशि भी दी गई। परंतु उसके बाद अब तक अनुदान की राशि नहीं दी गई है। संघ के सदस्यों ने कहा कि सरकार को पिछले आठ वर्षों से लंबित अनुदान की राशि महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मियों को एक मुश्त उनके खाते में करना चाहिए।
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Posted By: Jagran
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