लॉकडाउन के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की मांग तेजी से बढ़ रही है।
राज्य सरकार के साथ ही स्थानीय सांसदों पर भी दबाव पड़ रहा है फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया जाए इसकी संभावनाएं तलाशी जा रही है ऐसे लोगों की संख्या लाखों में होने की वजह से ही ट्रेन एकमात्र जरिया है जिसके माध्यम से काम किया जा सकता है।
अगर केंद्र सरकार इजाजत देती है तो कुछ रेलगाड़ियों को ग्रीन जोन में चलाया जा सकता है हालांकि आधिकारिक तौर पर रेलवे ने इससे इनकार किया है लेकिन माना जा रहा है कि स्पेशल ट्रेन चलती है तो रास्ते में कहीं नहीं रुकेगी एक तय शहर के स्टेशन से चलेगी और वही रुकेगी जहा के लिए नियत किया जाएगा।
इसमें कौन-कौन यात्रा करेगा इसकी स्वीकृति राज्य सरकार की तरफ से ली जा सकेगी यात्रा के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए ट्रेन स्टेशन पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा इसमें एक आइसोलेट को कोच भी रहेगा जिसमें डॉक्टरों की टीम रहेगी।