कनिका ने कोरोना को लेकर सरकारी इंतजाम पर उठाए सवाल
कनिका कपूर को बयान दर्ज कराने के लिए मिला नोटिस
लखनऊ : बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर का पिछले महीने कोरोना परीक्षण पॉजिटिव आने के बाद हुए विवाद के बाद अब लखनऊ पुलिस ने उनके घर पर एक नोटिस चिपकाया है। इस नोटिस में उनका बयान दर्ज करने के लिए कहा गया है।कनिका कपूर पर आईपीसी की धारा 269 (जीवन के लिए खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने की लापरवाही करना) और आईपीसी की धारा 270 (घातक खतरनाक बीमारी के संक्रमण के फैलने की संभावना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
नोटिस देखते ही आगबबूला हुईं कनिका कपूर पुलिस जब कनिका के घर नोटिस लेकर पहुंची तो वे नोटिस देखते ही वे पुलिस पर झल्ला उठीं। उन्होंने कहा कि किसी से नोटिस भिजवा दिये होते। फिर अफवाहें फैलेंगी। खामोखां देश का मजाक बना रखा है।
वहीं कृष्णा नगर के एसीपी दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि गायक को पुलिस स्टेशन में आना होगा और अपना लिखित बयान देना होगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।रविवार को कनिका ने इंस्टाग्राम के जरिए अपना इलाज करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया था। उसने यह भी लिखा है कि कई अफवाहें फैल रही थीं और वह पूरी तरह से जागरूक थीं और जानती थीं कि कुछ सूचनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
कोरोना रोकने के संक्रमण पर कनिका ने उठाए सवाल
कोविड-19 से संक्रमित हुई पहली बॉलीवुड सेलिब्रिटी एवं गायिका कनिका कपूर ने संक्रमण को रोकने के लिए सरकारी इंतजाम पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि एक व्यक्ति पर नकारात्मकता थोपने से वास्तविकता को नहीं बदला जा सकता। पिछली 19 मार्च को संक्रमित पाए जाने के बाद आलोचना के घेरे में आई कनिका ने रविवार को एक ट्वीट किया कि जब वह लंदन से मुंबई लौटी थीं, उस वक्त उन्हें खुद को पृथक-वास में रखने की कोई सलाह नहीं दी गई थी और मुंबई से लखनऊ आने पर उनकी कोई जांच तक नहीं की गयी। उन्होंने ट्वीट में कहा "मैं जिसके संपर्क में आई, चाहे वह ब्रिटेन हो, मुंबई हो या फिर लखनऊ, किसी में भी कोविड-19 के लक्षण नहीं पाए गए। बल्कि सच्चाई यह है कि उन सब की जांच रिपोर्ट में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई।"
कनिका बोली- नहीं बदली जा सकती वास्तविक्ता
कनिका ने कहा, "किसी एक व्यक्ति पर नकारात्मकता थोपने से वास्तविकता को नहीं बदला जा सकता।" माना जा रहा है कि उनका इशारा लखनऊ में कोरोना संक्रमण फैलाने को लेकर की गई अपनी आलोचना की तरफ था। कनिका ने हवाई अड्डों पर संक्रमितों की जांच की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, "मैं 10 मार्च को ब्रिटेन से मुंबई आई और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मेरी नियमित जांच हुई। उस वक्त मुझे ऐसा कोई परामर्श नहीं दिया गया कि मुझे खुद को पृथक-वास में रखने की जरूरत है। मुझे अपनी तबीयत जरा भी खराब नहीं लगी तो मैंने खुद को पृथक-वास में नहीं रखा। "
11 मार्च को परिवार से मिलने गई थी कनिका कपूर उन्होंने कहा," मैं अगले दिन यानी 11 मार्च को अपने परिवार से मिलने लखनऊ गई। घरेलू उड़ानों के लिए उस वक्त तक जांच की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। उसके बाद 14 और 15 मार्च को मैंने अपने मित्र द्वारा दिए गए लंच और डिनर कार्यक्रम में शिरकत की। मैंने कोई भी पार्टी आयोजित नहीं की और मैं पूरी तरह से ठीक थी।" कनिका ने ट्वीट किया,'' मुझे 17 और 18 मार्च को कुछ लक्षणों का एहसास हुआ तो मैंने अपनी जांच का अनुरोध किया। मैं 19 मार्च को संक्रमित पाई गई और 20 मार्च को जब मुझे इस बारे में पता चला, तो मैंने अस्पताल जाना बेहतर समझा। मुझे तीन बार जांच में संक्रमित नहीं जाए जाने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई।"
डॉक्टरो और नर्सों का किया शुक्रिया उन्होंने कहा "मैं उन डॉक्टरों और नर्सेज का खासतौर पर शुक्रिया अदा करना चाहूंगी, जिन्होंने मेरे बेहद भावुक और कड़ी परीक्षा वाले लम्हों में मेरा बहुत ख्याल रखा। मैं उम्मीद करती हूं कि मैं इस मामले को ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ संभाल सकती हूं।"
क्या है मामला?
बता दें कि 14 और 15 मार्च को लखनऊ में आयोजित कुछ पार्टियों में कनिका ने शिरकत की थी। इनमें उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। हालांकि इन सब की जांच रिपोर्ट में वे संक्रमित नहीं पाए गए थे। गत 19 मार्च को कनिका के संक्रमित होने का पता चलने के बाद उनकी यह कहते हुए तीखी आलोचना की गई थी कि उन्होंने लंदन से लौटने पर हवाई अड्डा प्रशासन द्वारा खुद को पृथक-वास में रखने की सलाह न मानते हुए पार्टियां आयोजित कीं। इस मामले में कनिका के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। कनिका को लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में भर्ती किया गया था और गत छह अप्रैल को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। इस वक्त वह लखनऊ में अपने परिवार के साथ हैं।