आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने कहा कि यह कुछ दिन पहले की घटना है और अब सब कुछ ठीक है. अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि भोजन वितरित करने में थोड़ी देरी हुई जिसके कारण क्वारंटाइम सेंटर में रहने वाले लोग कुछ बेचैन हो गए.
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा के क्वारंटाइन सेंटर के एक वीडियो क्लिप में एक व्यक्ति पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) पहने हुए एक बंद के बाहर पानी की बोतलें और खाने का सामान फेंक रहा है, जहां दर्जनों लोग लोहे की गेट से अपना हाथ बाहर निकालकर उन्हें पाने का प्रयास कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यह नजारा केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों द्वारा कोरोना वायरस के रोकथाम के आगरा मॉडल को सफल बताने के कुछ दिनों बाद सामने आया है.
सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा वीडियो कथित तौर पर हिंदुस्तान कॉलेज का है जो कि शारदा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस के तहत दर्ज है. आगरा प्रशासन ने यहां क्वारंटाइन सुविधा तैयार की है.
This is a #Covid_19india quarantine centre in Agra , UP . These visuals depict a scramble for essential supplies from behind the locked gates . Social distancing , and even basic human dignity seem to be out of the picture here …. agra has the maximum Covid + cases in UP … pic.twitter.com/O1FxdQn6tS
— Alok Pandey (@alok_pandey) April 26, 2020
वीडियो क्लिप बना रही महिला यह कहते हुए सुनी जा रही है कि उसे सेंटर पर जांच के लिए ले आया गया था जो कि नहीं हुआ.
कुछ स्थानीय निवासियों ने दावा किया कि क्वारंटाइन सेंटर में इससे पहले इसी तरह से खाना बांटा गया था.
घटना की पुष्टि करते हुए आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने कहा कि यह कुछ दिन पहले की घटना है और अब सब कुछ ठीक है. मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से जिम्मेदारी तय करने को कहा गया है. उन्हें एक रिपोर्ट जमा करने को भी कहा गया है.
सिंह ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में 500 से अधिक लोग रह रहे हैं जबकि एक स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी वहां रहने वाले लोगों की संख्या 130 बताई.
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा, 'मामले का संज्ञान लिया गया है. जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं. भोजन वितरित करने में थोड़ी देरी हुई जिसके कारण क्वारंटाइम सेंटर में रहने वाले लोग कुछ बेचैन हो गए.'
बता दें कि, आगरा में रविवार रात तक 372 मामलों की पुष्टि हुई. 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 49 लोग ठीक हो चुके हैं.
वहीं, शहर के मेयर नवीन जैन ने बीते 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की थी कि आगरा, वुहान बन सकता है.
पत्र में मेयर ने लिखा, 'आगरा, देश का वुहान बन सकता है. स्थानीय प्रशासन नाकारा साबित हुआ है. .हॉट स्पाट एरिया में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में कई-कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही. न ही मरीजों के लिए भोजन पानी का उचित प्रबंध हो पा रहा. .स्थिति विस्फोटक है.'
इस पत्र में मेयर ने शहर में कोरोना के बिगड़ते हालात और आम जनमानस को होने वाली परेशानी के लिए सीधे-सीधे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया था.
उन्होंने लिखा, 'मैं बहुत दुखी मन से आप को पत्र लिख रहा हूं कि मेरा आगरा अत्यधिक संकट के दौर से गुजर रहा है. आगरा को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता है. स्थिति अत्यधिक गंभीर हो चुकी है. इसलिए मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं कि मेरे आगरा को बचा लीजिए, बचा लीजिये.'
मेयर नवीन जैन द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा था, 'आगरा शहर में हालात खराब हैं और रोज नए मरीज निकल रहे हैं. आगरा के मेयर का कहना है कि अगर सही प्रबंध नहीं हुआ तो मामला हाथ से निकल जाएगा. कल भी मैंने इसी चीज को उठाया था. पारदर्शिता बहुत जरूरी है. टेस्टिंग पर ध्यान देना जरूरी है. कोरोना को रोकना है तो फोकस सही जानकारी और सही उपचार पर होना चाहिए. सरकार द्वारा आगरा मेयर की बातों को सकारात्मक भाव से लेना और तुरंत पूरी तरह से आगरा की जनता को महामारी से बचाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है.'