कोरोना वायरस से देश को बचाने के लिए इस समय बॉलीवुड साथ मिलकर काम कर रहा है। एक तरफ जहां बॉलीवुड लोगों से घर में रहने की अपील कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर गरीबों की आर्थिक मदद में सहायता भी दे रहे हैं। इस बीच अमिताभ बच्चन ने ट्वीट कर कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ाया है।
अमिताभ बच्चन की ये कविता कोरोना वॉरियर्स और इंसानियत को समर्पित है। कविता कुछ इस तरह है- अपनी मां की कोख से पैदा होते ही मुझे डॉक्टर ने अपनी सरपरस्त हथेलियों में संभाला। जब होश भी न संभाला था एक नर्स ने अपने मुलायम हाथों से मुझे नहलाया। अपनी उंगली से मेरी उंगली पकड़कर एक टीचर ने मुझे अ, आ, इ, ई, उ, ऊ लिखना सिखाया। — Amitabh Bachchan (@SrBachchan)
उन्होंने कहा- मेरी सलामती हमेशा उस बस के ड्राइवर के सुरक्षित हाथों में थी, जो मुझे स्कूल से लाता, ले जाता था, जब मैं खाना खाता मैं निश्चिंत था कि वो मेरे भरोसेमंद हाथों से ही बना था। हमें हमेशा उन हाथों की जरूरत पड़ी है। और अब भी पड़ेगी, उन भरोसेमंद हाथों की उन सरपरस्त हथेलियों की, मार्गदर्शक उंगलियों की। आज हाथ धोना, सामाजिक दूरी बनाना सर्वोपरि है। और आज मैं अपने हाथ जोड़कर आपसे विनती कर रहा हूं कि हमें इंसानियत से हाथ नहीं धोना चाहिए। हमें इंसान होना चाहिए।
अमिताभ बच्चन की ये कविता खूब पसंद की जा रही है। कुछ ही देर में इस ट्वीट को 1400 लोगों ने पसंद किया है। साथ ही फैंस कमेंट कर अपनी राय भी जाहिर कर रहे हैं। बता दें इस कविता में केवल अमिताभ बच्चन की आवाज आ रही है। वुजुअल में तमाम तरह के लोगों की तस्वीरों का प्रयोग किया गया है।
इससे पहले अमिताभ बच्चन ने कोरोना को लेकर एक ट्वीट किया था। आमिताभ ने ट्वीट किया था, 'जूरी के देवियों और सज्जनों, इस घंटे की खबर...ब्रेकिंग न्यूज...क्या आप यकीन करेंगे। एक चमगादड़ जलसा में तीसरे फ्लोर पर मेरे कमरे में घुस आया। बड़ी मुश्किल से उसे बाहर निकाला। कोरोना पीछा छोड़ ही नहीं रहा।' हालांकि इस ट्वीट के बाद उन्हें खूब ट्रोल किया गया था।