लॉकडाउन की वजह से डीडी भारती पर बी.आर. चोपड़ा की 'महाभारत' और रामानंद सागर की 'रामायण' का एक बार फिर से प्रसारण किया जा रहा है। पहले की तरह इस बार भी दर्शकों द्वारा इन दोनों शो को भरपूर प्यार लुटाया जा रहा है. तीन दशक बाद भी जनता महाभारत में काम करने वाले एक्टर्स को खूब पसंद कर रही है। इसके साथ ही शो से जुड़ी कुछ रोचक बातें भी बाहर आ रही है। 'महाभारत' को रवि चोपड़ा ने डायेरेक्ट किया था, जबकि उनके पिता बी.आर. चोपड़ा इसके प्रड्यूसर थे। 12 नवंबर 2014 को रवि चोपड़ा का निधन हो गया। एक इंटरव्यू में रवि चोपड़ा की पत्नी रेनू चोपड़ा ने बताया था कि 'महाभारत' में काफी बड़ी स्टारकास्ट थे, बावजूद इसके बहुत सारे लोगों की जरूरत होती थी।
महाभारत में सबसे अहम् था युद्ध
जैसा की हम सभी जानते है कि महाभारत में सबसे अहम् था युद्ध। इस युद्ध की शूटिंग के दौरान कई परेशानी का सामना करना पड़ा था। खासकर बिजली के खंभे सबसे बड़ी समस्या थी। ऐसे में महाभारत के युद्ध की शूटिंग के लिए बी आर चोपड़ा मुंबई में ही लोकेशन ढूंढ रहे थे। वह इस महाभारत के युद्ध को ग्रैंड बनाना चाहते थे। हालांकि, हर जगह बिजली की खंभों की दिक्कत आती थी। बी आर चोपड़ा जब ट्राइल ले रहे थे तो हर बार फ्रेम में ये बिजली के खंभे आ जा रहे थे। बी आर चोपड़ा की तलाश जयपुर में जाकर खत्म हुई थी। जयपुर के पास उन्हें ये मैदान मिल गया था।
गांव के लोग बने सैनिक रेनू चोपड़ा ने बताया कि युद्ध वाले सीन में आगे वाली लाइन को छोड़कर बाकी लोगों की कास्टिंग की कभी जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि स्थानीय लोग खुद ही फ्री में काम करने के लिए तैयार हो जाते थे। इस तरह उन्हें ही सैनिकों के कपड़े पहनाकर शूटिंग की जाती थी। तंबुओं में रहते, 1 ही टॉयलट से गुजारा करते थे कलाकार 'महाभारत' में कर्ण का किरदार निभाने वाले ऐक्टर पंकज धीर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि युद्ध वाले सीन शूट करना उनके लिए सबसे मुश्किल भरा था। पंकज धीर ने बताया था कि शूटिंग के दौरान न तो कलाकारों के लिए वैनिटी वैन थीं और न ही मेकअप रूम। पंकज धीर ने आगे बताया कि सभी कलाकार लोकेशन पर बने तंबुओं में रहते थे और वहां 40 लोगों के लिए सिर्फ एक ही टॉयलट था। कॉस्ट्यूम मेटल के बने होते थे और वे इतने तप जाते थे कि भीषण गर्मी में शूट में पहने रहने में बहुत ही दिक्कतें होती थीं।
गांव के लोग बने सैनिक
रेनू चोपड़ा ने बताया कि युद्ध वाले सीन में आगे वाली लाइन को छोड़कर बाकी लोगों की कास्टिंग की कभी जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि स्थानीय लोग खुद ही फ्री में काम करने के लिए तैयार हो जाते थे। इस तरह उन्हें ही सैनिकों के कपड़े पहनाकर शूटिंग की जाती थी।
तंबुओं में रहते, 1 ही टॉयलट से गुजारा करते थे कलाकार
'महाभारत' में कर्ण का किरदार निभाने वाले ऐक्टर पंकज धीर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि युद्ध वाले सीन शूट करना उनके लिए सबसे मुश्किल भरा था। पंकज धीर ने बताया था कि शूटिंग के दौरान न तो कलाकारों के लिए वैनिटी वैन थीं और न ही मेकअप रूम। पंकज धीर ने आगे बताया कि सभी कलाकार लोकेशन पर बने तंबुओं में रहते थे और वहां 40 लोगों के लिए सिर्फ एक ही टॉयलट था। कॉस्ट्यूम मेटल के बने होते थे और वे इतने तप जाते थे कि भीषण गर्मी में शूट में पहने रहने में बहुत ही दिक्कतें होती थीं।
12-12 घंटे तक चलती थी शूटिंग महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला था। ऐसे में इसके एक एपिसोड की शूटिंग 12-12 घंटे तक चलती थी। 'महाभारत' की शूटिंग सुबह 6 बजे से शुरू होकर 12 घंटे तक चलती थी, लेकिन उस वक्त शो लोगों के बीच इस कदर पॉप्युलर हो चुका था कि वे बिना तकलीफ के घंटों इंतजार करते और फ्री में शूट करते। दिलचस्प बातें / राजस्थान के जयपुर में शूट हुआ था महाभारत का युद्ध, स्थानीय लोग बने थे सैनिक महाभारत के पांडवों ने कलयुग में फिर लिया था जन्म, जानिए कहां दिलचस्प बातें / 201 रुपये थी 'महाभारत' के युधिष्ठिर गजेंद्र चौहान की पहली कमाई महाभारत / युद्ध में आम जनता बनी थी सैनिक, लोग मुफ्त में करते थे काम महाभारत / बिना कट के शूट हुआ था द्रौपदी चीर हरण का सीन, शूटिंग के बाद फूट-फूटकर रोई थीं रूपा गांगुली
12-12 घंटे तक चलती थी शूटिंग
महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला था। ऐसे में इसके एक एपिसोड की शूटिंग 12-12 घंटे तक चलती थी। 'महाभारत' की शूटिंग सुबह 6 बजे से शुरू होकर 12 घंटे तक चलती थी, लेकिन उस वक्त शो लोगों के बीच इस कदर पॉप्युलर हो चुका था कि वे बिना तकलीफ के घंटों इंतजार करते और फ्री में शूट करते। दिलचस्प बातें / राजस्थान के जयपुर में शूट हुआ था महाभारत का युद्ध, स्थानीय लोग बने थे सैनिक महाभारत के पांडवों ने कलयुग में फिर लिया था जन्म, जानिए कहां दिलचस्प बातें / 201 रुपये थी 'महाभारत' के युधिष्ठिर गजेंद्र चौहान की पहली कमाई महाभारत / युद्ध में आम जनता बनी थी सैनिक, लोग मुफ्त में करते थे काम महाभारत / बिना कट के शूट हुआ था द्रौपदी चीर हरण का सीन, शूटिंग के बाद फूट-फूटकर रोई थीं रूपा गांगुली