इंटीमेसी सुपरवाइजर होता तो तनुश्री दत्ता के साथ ऐसा दुव्यर्वहार नहीं होता: सेलीना जेटली

लेखक पत्रकार राम कमल मुखर्जी निर्देशित फिल्म 'सीजिंग ग्रीटिंग' से बॉलीवुड में वापसी करने वाली सेलीना (Celina Jaitley) ने इस बात को लेकर खुशी जाहिर की कि निर्माता निर्देशक फिल्म के सेट पर अन्तरंग दृश्यों को फिल्माने के लिए एक महिला पर्यवेक्षक की नियुक्ति की। इस फिल्म की शूटिंग हाल ही में सेलीना ने पूरी की है। इस अवसर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि तनुश्री दत्ता के मामले में सेट पर कई मापदंडों को दरकिनार किया गया था, जिस वजह से ऐसी परिस्थतियां उत्पन्न हुईं। उन्होंने कहा कि तनुश्री के साथ जो भी हुआ, वैसा नहीं होता, अगर निर्माताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों के अधिकार के बाहर किसी ऐसे अंतरंग दृश्यों के पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जाती। तब हालात शायद कुछ और होते।

सेलीना इस बात से भी सहमत दिखीं कि सामान्य परिस्थितियों में निर्देशक का यह कर्तव्य है कि वह इस बात का ध्यान रखे कि सेट पर कोई भी निर्धारित सीमा का उल्लंघन न करे। उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से बिल्कुल सहमत हूं, लेकिन मैंने कई बार ऐसा देखा है और मेरा यह व्यक्तिगत अनुभव है कि प्रभावशाली पद पर बैठे व्यक्ति को उसका मानसिक दृष्टिकोण सबसे अधिक प्रभावित करता है। मैंने हाल ही में पढ़ा था कि किसी प्रभावशाली पद पर आसीन महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में दूसरों के सामने कमजोर नजर आने का एक डर रहता है, जिसे छुपाने के लिए वह ऐसी यौन हिंसा जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
सेलीना इस बात से भी सहमत दिखीं कि सामान्य परिस्थितियों में निर्देशक का यह कर्तव्य है कि वह इस बात का ध्यान रखे कि सेट पर कोई भी निर्धारित सीमा का उल्लंघन न करे। उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से बिल्कुल सहमत हूं, लेकिन मैंने कई बार ऐसा देखा है और मेरा यह व्यक्तिगत अनुभव है कि प्रभावशाली पद पर बैठे व्यक्ति को उसका मानसिक दृष्टिकोण सबसे अधिक प्रभावित करता है। मैंने हाल ही में पढ़ा था कि किसी प्रभावशाली पद पर आसीन महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में दूसरों के सामने कमजोर नजर आने का एक डर रहता है, जिसे छुपाने के लिए वह ऐसी यौन हिंसा जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं।
ज्यादातर प्रभावशाली व्यक्ति अपने मन में यह गलत धारणा बना लेता है कि अगर उसके साथ कोई काम करने में दिलचस्पी रखता है तो उसका यौन उत्पीडऩ करना उस व्यक्ति का अधिकार है, जबकि यह गलत है। ऐसे में अंतरंग दृश्यों के पर्यवेक्षक की उपस्थिति काफी मददगार साबित होती है।''
ज्यादातर प्रभावशाली व्यक्ति अपने मन में यह गलत धारणा बना लेता है कि अगर उसके साथ कोई काम करने में दिलचस्पी रखता है तो उसका यौन उत्पीडऩ करना उस व्यक्ति का अधिकार है, जबकि यह गलत है। ऐसे में अंतरंग दृश्यों के पर्यवेक्षक की उपस्थिति काफी मददगार साबित होती है।''

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