Coronavirus: जमातियों की मदद करने वाले प्रोफेसर को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने किया निलंबित

देशभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) के अब तक 23452 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं और अभी भी यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. देश में संक्रमण के मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कारण हुई है. अब इसी कड़ी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय (University of Allahabad) के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निलंबित कर दिया है. बता दें कि शाहिद पर जमातियों की मदद करने का आरोप था और पुलिस ने उन पर मुकदमा भी दर्ज किया हुआ था.

प्रोफसर मे छिपाई मरकज में जाने की बात
इतना ही नहीं राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. शाहिद ने मरकज (Nizamuddin Markaz) में जाने की बात छिपा कर लगातार कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी भी की, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मुदकमा दर्ज कर 21 अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. प्रोफेसर के अलावा 17 विदेशी जमातियों को भी जेल भेजा गया था.
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यूनिवर्सिटी के पास नहीं प्रोफेसर की गिरफ्तारी की जानकारी
विश्विद्यालय प्रशासन के पास प्रोफेसर को जेल भेजे जाने की कोई अधिकृत सूचना नहीं थी. इस मामले में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार की ओर से शिवकुटी और शाहगंज थाने को पत्र भेजकर प्रोफेसर के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी और पूछा गया था कि प्रोफेसर के खिलाफ किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है? इस पर पुलिस ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र भेजकर पूरे मामले की जानकारी दे दी है.
पुलिस से मिले जवाब के बाद हुआ निलंबन
पुलिस से मिले जवाब के बाद विश्विद्यालय के वीसी प्रो. आरआर तिवारी के आदेश पर मोहम्मद शाहिद को इलाहाबाद विश्वविद्यालय अधिनियम-2005 के तहत शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया है. प्रोफेसर को 21 अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, इसलिए उनका निलंबन भी 21 अप्रैल से ही माना जाएगा. हालांकि निलंबन के दौरान प्रोफेसर को नियमों के तहत सीमित भत्ते का भुगतान किया जाएगा.
यूनिवर्सिटी के पीआरओ डॉ. शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि कार्य परिषद की अगली बैठक जब भी होगी, उसमें इस कार्रवाई को भी रिपोर्ट किया जाएगा. प्रोफेसर के निलंबन की सूचना डीएम, एसएसपी समेत शिवुकटी एवं शाहगंज थाने को भी भेज दी गई है.

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