मुंबई : शोले में सांभा का किरदार निभाने वाले मैक मोहन का आज 82 वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 24 अप्रैल 1938 को कराची में हुआ था। कई फिल्मों में काम करने वाले मैक मोहन को असली पहचान फिल्म शोले में सांभा का रोल प्ले कर मिली। इस रोल के हर कोई उन्हें उनके असली नाम से नहीं बल्कि सांभा के नाम से जानने लगा था। बता दें कि मैक मोहन रिश्ते में रवीना टंडन के मामा लगते हैं।
मैक मोहन ने इंडस्ट्री के हर बड़े स्टार के साथ स्क्रीन शेयर की थी। लगभग तीन घंटे की फिल्म शोले में सांभा ने सिर्फ एक ही संवाद बोला है। और वह है 'पूरे पचास हजार'। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस छोटे से डायलॉग के लिए मैक मोहन को मुंबई से बेंगलुरु 27 बार यात्रा करनी पड़ी थी। शुरुआत में फिल्म में उनका किरदार थोड़ा लंबा था। लेकिन, फिल्म की एडिटिंग होने के बाद सिर्फ तीन शब्द ही बचे।
मैक मोहन ने फिल्म 'शोले' को एडिट होने के बाद जब देखा तो वे बहुत निराशा हुए थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, 'जब मैंने फिल्म को देखा तो मैं रोने लगा था। मैं सीधे डायरेक्टर रमेश सिप्पी के पास गया और उनसे बोला कि मेरा इतना थोड़ा सा रोल भी क्यों रखा? आप चाहते तो इसे भी हटा ही देते। इस उन्होंने मुझसे कहा कि अगर यह फिल्म हिट हुई तो दुनिया मुझे सांभा के नाम से जानेगी। और हुआ भी ऐसा ही।
मैक मोहन ने 30 जून 1986 में एक आयुर्वेदिक डॉक्टर मिनी से शादी की थी। उनके तीन बच्चे विनती, विक्रांत और मंजरी। मंजरी पेशे से फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। उन्होंने थिएटर करने के बाद 'द लास्ट मार्बल' जैसी शॉर्ट फिल्म लिखी और खुद ही निर्देशित भी की।
मैक मोहन के पिता भारत में ब्रिटिश आर्मी में कर्नल थे। 1940 में उनका ट्रांसफर कराची से लखनऊ हो गया और मैक ने अपनी पढ़ाई यहीं से पूरी की। उनको बचपन से क्रिकेट का शौक था और वो क्रिकेटर बनना चाहते थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीम के लिए भी खेला था। 1952 में मुंबई आ गए। यहां आने के बाद जब उन्होंने रंगमंच देखा तो एक्टिंग में उनकी रुचि बढ़ गई।
शबाना आजमी की मां शौकत कैफी को उन दिनों एक नाटक के लिए दुबले-पतले शख्स की जरूरत थी। मैक के किसी दोस्त ने उन्हें इसके बारे में बताया। उन्हें पैसों की जरूरत थी। वे शौकत के पास नाटक में काम मांगने पहुंच गए और यहीं से उनका एक्टिंग करियर शुरू हुआ।
1964 में उन्होंने फिल्म हकीकत से डेब्यू किया था। 46 साल के करियर में उन्होंने करीब 175 फिल्मों में काम किया।
जब मैक फिल्म अतिथि तुम कब जाओगे की शूटिंग कर रहे थे तभी उनकी तबियत खराब हो गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके फेफड़े में ट्यूमर है। इसके बाद उनका लंबा इलाज चला लेकिन 10 मई, 2010 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।