दुनिया कंगाल मगर दूरदर्शन मालामाल, आखिर कैसे? जानें पूरी कहानी

देश में टीवी दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच लोग समाचार और फिल्में भी खूब देख रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन ने पौराणिक धारावाहिकों को फिर से दिखाना शुरू किया, जिससे पिछले तीन सप्ताह से उसके दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बार्क ने कहा, ''हिंदी सामान्य मनोरंजन चैनलों (जीईसी) में पौराणिक कार्यक्रम मनोरंजन का मुख्य जरिया बन गए हैं। ऐसे में इस तरह के कार्यक्रम कुल हिंदी जीईसी में 43 फीसदी का योगदान कर रहे हैं।''

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देश भरमें लॉकडाउन के कारण सारे उद्योग-धंधे ठप पड़ें हैं। बाजारों में ताले पड़ें हैं। व्यापारी वर्ग सरकार की तरफ देख रहा कि कब लॉकडाउन खत्म हो और धंधा-पानी चले। कहने का मतलब यह कि कोरोना लॉक लॉकडउन से सभी ओर त्राहि माम है, लेकिन भारत का नेशनल ब्रॉडकास्टर दूरदर्शन की इसी कोरोना लॉक डाउन में पौ-बारह हो रही है।
लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर दिखाए जा रहे रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक कार्यक्रमों को दर्शकों का बंपर साथ मिल रहा है। बार्क की रिपोर्ट बता रही है कि दूरदर्शन हर सप्ताह अपने पुराने रिकॉर्ड को धवस्त कर रहा है। दरअसल प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बार्क) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक कार्यक्रमों के प्रसारण से एक और सप्ताह के दौरान टेलीविजन दर्शकों की संख्या और विज्ञापन राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। बार्क की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के पहले से अब में तुलना करें तो कुल मिलाकर टीवी देखने में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान 11 से 17 अप्रैल के बीच 1,240 अरब मिनट का कंटेंट दर्शकों की तरफ से देखा गया है। परिषद ने कहा कि भारत के लगभग आधे लोग रोजाना टीवी देख रहे हैं। जबकि, लॉकडाउन के पहले ये आंकड़ा 32 फीसदी था।
परिषद की तरफ से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक पौराणिक कार्यक्रम (कई बार दिन में दो बार प्रसारित होते हैं) को एक सप्ताह के दौरान 35.3 करोड़ दर्शकों ने कुल 109 अरब मिनट तक देखा। बार्क ने कहा कि ऐसे समय में जब विज्ञापनों में कमी आ रही है, रामायण और महाभारत के दौरान विज्ञापन हर दिन 2,000 सेकेंड तक बढ़े हैं।
आंकड़ों के मुताबिक मार्च के अंत में रामायण की शुरुआत तीन विज्ञापनदाताओं के साथ हुई थी और इस समय उसके पास प्रतिदिन करीब 42 विज्ञापनदाता हैं। इसी तरह महाभारत के लिए करीब 25 विज्ञापनदाता हैं। इसमें कहा गया है कि 'भक्ति' के तहत आने वाले चैनलों के दर्शकों की संख्या पांच प्रतिशत बढ़ी है। बार्क के मुताबिक समाचार चैनलों में 195 फीसदी, कारोबारी न्यूज चैनलों में 82 फीसदी और फिल्मी चैनलों में 67 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

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