सत्ता के अहंकार में डुबे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रधानमंत्री पद की मर्यादा भी भूले - पूनियाँ

-कांग्रेस (Congress) सरकार ने तुष्टिकरण के कारण प्रदेश को ख़तरे में डाला -पूनियाँ -राजस्थान सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए अपना कितना पैसा खर्च किया बतायें-कटारिया -अपनी विफलता को केन्द्र के माथे डाल रही है प्रदेश सरकार -राठौड़

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ड़ा.सतीश पूनियाँ , नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उप-नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आज वीडियो काँफ़्रेसिंग के माध्यम से एक संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया।
पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ड़ा.सतीश पूनियाँ ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के प्रधानमंत्री पर दिए बयान की निंदा करते हुए कहा की सत्ता के मद में चुर मंत्री प्रधानमंत्री जैसे प्रतिष्ठित पद की मर्यादा भी भूल गए।
झूँठ बोल कर कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय नेतृत्व की पसंद बनने का सपना देख रहे रघु शर्मा किस प्रमाण के साथ प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे है।
पूनियाँ ने चेतावनी देते हुए कहा की वे सरकार का हिस्सा है , अगर जो उन्होंने कहा है वो सच है तो उस वीडियो काँफ़्रेसिंग की रिकोर्डिंग को सार्वजनिक करे, जिसके आधार पर वो प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे है, साथ ही ये भी बताए की उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से कब और कैसे बात हुई।
अगर ऐसा नहीं कर सकते तो अपनी हैसियत में रहकर अपने विभाग का काम ठीक से करें।
पूनियाँ ने कहा की प्रदेश सरकार की तुष्टिकरण की नीति के कारण ही राज्य में कोरोना का प्रकोप बढ़ा है , अपने वोट के लिए तबलिगी जमात के लोगों के ख़िलाफ़ सख़्ती नहीं कर रही है।
यही कारण है की ये संक्रमण प्रदेश के 25 ज़िलों तक पहुँच गया है ।प्रदेश की कांग्रेस (Congress) सरकार से संरक्षण मिलने के कारण से इनके हौसलें इतने बढ़ गए है की ये अब पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों पर भी हमले कर रहे है ।
प्रदेश के अधिकारियों के हाथ सरकार ने बाँध रखे है , उनको सरकार की और से स्वतंत्र रूप से काम करने से रोका जा रहा है।
पूनियाँ ने कहा की कांग्रेस (Congress) प्रदेश में विद्वेष की राजनीति कर रही है, उसकी अकर्मण्यता के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने पर वो भाजपा (BJP) के विधायकों और कार्यकर्ताओं पर मुक़दमे दर्ज कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की सरकार ने डाक्टरस पर हो रहे हमलों के ख़िलाफ़ क़ानून बना कर शानदार काम किया है, अपनी जान को दांव पर लगा कर स्वास्थ्यकर्मी लोगों का इलाज कर रहे है और कुछ जाहिल उनके पर ही हमला करते है, इस क़ानून से स्वास्थ्यकर्मियों का हौसला बढ़ेगा।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बताएँ की अब तक उनकी सरकार ने राज्य सरकार के पैसे से कितने लोगों को गेहूँ बाँटा , भारत सरकार की और से जो 40 हज़ार मेट्रिक टन गेहूँ आया उसका वितरण कैसे किया।
भारत सरकार ने 10 हज़ार करोड़ रुपए मनरेगा में, उज्ज्वला योजना में प्रदेश की 62 लाख महिलाओं को तीन महीने तक फ़्री रिफ़िलिंग की सुविधा पर प्रतिमाह 478 करोड़, किसान सम्मान निधि में प्रदेश के 64 लाख किसानों को 2 हज़ार रुपए के हिसाब से 870 करोड़, जनधन खाता धारक प्रदेश के 1 करोड़ 52 लोगों को 500 रुपए, आपदा राहत में 970 करोड़ रुपए, चिकित्सा में आवंटित 1883 करोड़ में से 1780 करोड़ अब तक दिया है, इनको कैसे खर्च किया ये बताएँ।
कटारिया ने कहा की सरकार दावा किया की वो श्रमिकों के खाते में 2500 रुपए डाल रही है। सरकार बताये की अब तक उसने कितने लोगों के खाते में कितने पैसे डालें है।
केन्द्र सबसे अधिक पैसा राजस्थान को दिया है, जिससे प्रदेश सरकार राहत अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री ये बता दे की राज्य सरकार के खुद के ख़ज़ाने से कितना पैसा राहत के काम पर खर्च किया है।
कटारिया ने कहा की एसएमएस अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों को धर्मशाला में रुकवाया जा रहा है, उनके लिए कोई सुविधा नहीं है। मुख्यमंत्री खुद उस धर्मशाला का दौरा करके आए जिसमें ये रोके गए है।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा की प्रदेश की कांग्रेस (Congress) सरकार अपनी विफलता को केन्द्र के माथे डालना चाहती है ।
इसकी नीतियों की वजह से प्रदेश के किसानों का बुरा हाल है, उनकी रबी की फ़सल तैयार पड़ी है, पर सरकार की और से ख़रीदने की कोई तैयारी नहीं है।
1 मई से सरकार फ़सल ख़रीदने की प्रक्रिया शुरू करेगी लेकिन उसकी तैयारी के हिसाब से 20-25 ग्राम पंचायतों के ऊपर एक ख़रीद केंद्र बनाया जा रहा है, जबकि ये 4-5 ग्राम पंचायतो के बीच एक होना चाहिए, प्रदेश की 342 पंचायत समितियों में केवल 800 ख़रीद केन्द्र पर्याप्त है।
भारत सरकार ने किसानों को परेशानी को देखते हुए प्रतिदिन 25 क्विंटल तुलाई की सीमा को बढ़ा कर 40 क्विंटल किया। और साथ ही राज्य सरकार द्वारा सूची भेजने के तीसरे दिन खातों में पैसा डालने की घोषणा की।
जबकि राज्य सरकार ने फ़सल बीमा के प्रीमियम का अपना हिस्सा ही अभी तक जमा नहीं करवाया, उसकी वजह से किसानों की मुआवज़ा राशी रुकी हुई है।
आयुष्मान भारत योजना को प्रदेश में ठीक से लागू नहीं करने को लेकर राठौड़ ने प्रदेश सरकार की नियत पर सवाल खड़े किए।
राठौड़ ने कहा की भाजपा (BJP) ऐसे संकट के समय राजनीति नहीं करना चाहती, हम पहले दिन से ही सरकार को सहयोग से रहे है, और प्रदेश के हित में आगे भी देंगे, पर राहत कार्यों का कांग्रेस (Congress)ीकरण नहीं होने देंगे।

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