इस वैश्विक महामारी कोरोना में अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते तो क्या होता ?क्या डॉक्टर मनमोहन सिंह संभाल लेते ऐसी हालत ?

आज के इस आर्टिकल में हम आपको कोरोनावायरस के कारण वह नतीजे के बारे में बताएंगे और तुलना करेंगे कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह राहुल गांधी या फिर मनमोहन सिंह में से कोई और होता तो क्या होता ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात करे तो इसने भारत में 3 मई तक लॉक-डाउन रखा गया हैं, सबसे पहले 14 अप्रैल तक रखा गया था लेकिन उसके बाद में 20 दिन का लॉक-डाउन और बढ़ा दिया गया और इसकी सीमा 3 मई तक कर दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात करें तो उन्होंने लोगों से अपील करी की सभी अपने घरों पर रहे जबकि कई सारे आदेश दिये जिससे सब में एकता बनी रहे और डॉक्टर और नर्स और और पुलिस प्रशासन को सम्मान दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह अगर इस समय मनमोहन सिंह PM होते तो यह काम मुमकिन नहीं हो पाता ,मनमोहन सिंह की बात करें तो उनकी आवाज काफी मध्यम हैं और वह काफी सीधे व्यक्ति माने जाते हैं इस समय देखे जाए तो जमात के कई लोगों ने कोरोनावायरस को फैलाया है।
मनमोहन सिंह की बात करें तो इन्होंने अपने कार्यकाल में काफी अच्छा काम किया है, 2004 से लेकर 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे लेकिन आपको बता दें कि उनके कार्यकाल में उनके मंत्री ज्यादा चलाते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र नरेंद्र मोदी की बात करे तो सारे मंत्री इनकी बात सुनते और सारे देशवासी इनके आदेश का सम्मान करते हैं।

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