Coronavirus पर सवाल, बीजेपी को जवाब देने के लिए ममता बनर्जी ने PK को बुलाया

पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस के मरीजों के आंकड़ों को लेकर सवाल उठ रहे हैं. ममता बनर्जी सरकार पर राज्य में कोरोना के आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगा रहा है, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर आ गई है. बीजेपी की आलोचनाओं से बचने के लिए अब ममता बनर्जी ने राजनीतिकार प्रशांत किशोर को बुलवाया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में प्रचार अभियान 'बांग्लार गरबो ममता' के बाद लॉकडाउन के चलते दिल्ली में आराम फरमा रहे प्रशांत किशोर कार्गो फ्लाइट के जरिए पश्चिम बंगाल पहुंच चुके हैं. टीएमसी सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संदेश मिलते ही प्रशांत किशोर ने दिल्ली से पश्चिम बंगाल के लिए कूच किया.
प्रशांत किशोर भी उसी समय कोलकाता पहुंचे, जिस समय मोदी सरकार द्वारा भेजी गई इंटर-मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम वहां पहुंची. सरकार की यह इंटर-मिनिस्ट्रियल टीम राज्य में यह इंस्पेक्शन करने गई है कि यहां लॉकडाउन को सही तरह से लागू किया गया है या नहीं.
रिपोर्ट में पार्टी सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि अभिषेक आधी रात को अपने ऑफिस में ही थी, ताकि प्रशांत किशोर का स्वागत करें और सुबह मुख्यमंत्री की ब्रीफिंग से पहले कोई योजना बनाई जा सके. प्रशांत किशोर सोशल मीडिया पर और मीडिया चैनलों में भगवा हमले को रोकने के लिए आक्रामक अभियान की निगरानी करेंगे, जो ममता बनर्जी के खिलाफ कथित रूप से आरोप लगा रहे हैं कि वे कोरोनोवायरस महामारी को रोकने में विफल रही हैं.
कई दिनों से बीजेपी, ममता बनर्जी पर आरोप लगा रही है कि वो राज्य में कोरोनावायरस के संकट से लड़ने में नाकाम रही हैं. कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप और लॉकडाउन की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों में सेंट्रल इंटर-मिनिस्ट्रियल टीम्स भेजने का फैसला किया. केंद्र के इस फैसले का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया.
बीजेपी आईटी सेल कुछ तस्वीरों और वीडियो को जारी कर ममता सरकार पर हमला कर ही रहा था. इस बीच बीजेपी के मंत्री बाबुल सुप्रियो, सांसद स्वपन दास और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में ओवरऑल हेल्थ अपडेट्स को लेकर राज्य सरकार ट्रांस्पेरेंट नहीं है.
ऐसे में प्रशांत किशोर को बुलाया गया है ताकि वो ममता बनर्जी को इन आलोचनाओं से लड़ने के लिए मदद कर सकें और उन्हें गाइड कर सकें. प्रशांत किशोर को टीएमसी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रभार सौंपा गया है, जिससे कि आलोचना करने वालों को जवाब दिया जा सके और हर आरोपों का ठीक से मुकाबला हो सके. प्रशांत किशोर को ये जिम्मेदारी इसलिए भी सौंपी गई है क्योंकि ममता बनर्जी 2021 के विधानसभा चुनाव में सत्ता नहीं गंवाना चाहती.

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