51 साल के हुए मनोज बाजपेयी, किससे सीखी एक्टिंग और अंग्रेजी, जानें ऐसे ही अनसुने किस्से

अभिनेता मनोज बाजपेयी को इंडस्ट्री में प्रयोगधर्मी के तौर पर जाना जाता है। जिनपर नेगेटिव रोल से लेकर दमदार हीरो वाले रोल तक, सब फिट बैठते हैं। वह 'अलीगढ़' जैसी फिल्म में शांत किरदार में भी नजर आए तो 'गैंग ऑफ वासेपुर' में बोल्ड रोल में भी दिखे। वह एक ऐसे हीरो हैं जो हर बार किरदार को जीवंत बना देते हैं।

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मनोज बाजपेयी के नाम पर फिल्में चलती है। दर्शक भांप लेता है कि वह फिल्म में हैं तो जरूर फिल्म में दम होगा। 'अलीगढ़', 'शूल', 'सत्या', 'गैंग ऑफ वासेपुर', '1971', 'पिंजर', 'बैंडिट क्वीन' जैसी ढेरों फिल्मे हैं जिन्हें आज भी दर्शक बार बार देखना पसंद करते हैं।
फिल्मे ही क्यों वेब सीरीज के मामले में भी वह काफी आगे आ चुके हैं। अमेजन प्राइम की 'द फैमिली मैन' में मनोज बाजपेयी का काम बोलता है। फिल्म में उन्होंने दमदार अभिनय से लोगों को खुश कर दिया था। आज मनोज बाजपेयी अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं, इस मौके पर उनके स्ट्रगल से लेकर उनकी कामयाबी के किस्से पढ़े।
ऐसे परिवेश से मनोज वाजपेयी आते हैं जहां अभिनय के क्षेत्र को कतई अच्छा नहीं माना जाता था। वह बिहार के चंपारन के रहने वाले हैं। अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी कर वह दिल्ली आए और दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स में एडमिशन लिया। वह एक किसान परिवार से आते हैं और उनके 6 बहन भाई हैं।
NSD में तीन बार रिजेक्ट
मनोज बाजपेयी को बचपन से फिल्में देखना और अभिनय करना पसंद करते था। लेकिन वह इस बात को कहीं न कहीं अपने मन में दबाए थे और धीरे धीरे इस दिशा में कदम बढ़ाते गए। वहीं मनोज बाजपेयी एक ऐसे कामयाब एक्टर हैं जिन्होंने तीन बार दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लेने के लिए प्रयत्न किये लेकिन तीनों बार वह रिजेक्ट हो गए।
16-17 घंटे लगातार रिहर्सल
कॉलेज के दौरान मनोज बाजपेयी ने खूब ड्रामा किया और 400 से ज्यादा नाटकों में परफॉर्म किया। इस दौरान उन्होंने अपनी हिंदी और इंग्लिश भाषा को सुधार किया। वह लगातार 16-17 घंटे लगातार रिहर्सल किया करते थे। जिसे देख उनके टीचर उन्हें पागल आदमी तक कह दिया करते थे। लेकिन आज उनके काम को देखकर वह उन्हें सलाम करते थे।
365 दिन में से 364 दिन थिएटर किया करते
कॉलेज से ग्रेजुएशन तो कर रहे थे लेकिन मनोज बाजपेयी का बिल्कुल भी मन पढ़ाई में नहीं लगता था। वह रोजाना कई कई घंटे थिएटर करते थे। ऐसा कोई ही दिन होता था जब वह थिएटर क्लास न जाए या रिहर्सल न करें।
बैरी जॉन करियर में महत्वपूर्ण
राज्यसभा के गुफ्तगू इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने बताया था कि थिएटर की दुनिया में बैरी जॉन ने न केवल उन्हें एक्टिंग सिखाई बल्कि अंग्रेजी भी सिखाई। बैरी जॉन मशहूर थिएटर निर्देशक व अध्यापक हैं। मनोज बाजपेयी बैरी जॉन को धन्यवाद देते हैं कि उनपर उन्होंने विश्वास किया।
खूब पढ़ा और खूब एक्टिंग सीखी
मनोज बाजपेयी के फिल्मी सफर को तो हर कोई जानता है लेकिन उन्होंने शुरुआत में खूब पापड़ बेले हैं। लेकिन अभिनेता कभी मेहनत से पीछे नहीं हटे। वह खाली समय में या तो लाइब्रेरी में होते थे या फिर कोई फिल्म देखा करते थे। उन्होंने इस चकाचौंध की दुनिया में आने से पहले खूब पढ़ा, खूब मेहनत की और भाषा को सुधारा।
बेहद शर्मिले
मनोज बायपेयी के जितने भी इंटरव्यू देखे जाएं सभी में वह एकदम शांत और नरम किस्म के शख्स मालूम पड़ते हैं। वहीं वह बताते हैं कि वह घर में भी ऐसे ही हैं उन्हें बहुत अच्छा लगता है कि वह घर के कामकाज करते हैं और बेटी को रोजाना स्कूल छोड़ते व लेकर आते हैं।
source: filmibeat.com

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