Surya Grahan 2020: 21 जून को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण को एक प्रमुख खगोलीय घटना के तौर पर देखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में भी सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का असर सभी राशियों पर पड़ता है.13 अप्रैल को सूर्य का मेष राशि में गोचर हुआ है. जिसे मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. सूर्य मेष की उच्च राशि है. 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल मान्य होगा. जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंचती है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.ग्रहण का सूतक काल सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पूर्व लग जाता है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ग्रहण के समाप्त होते ही सूतक काल भी समाप्त हो जाता है. इसके बाद ही कोई भी शुभ कार्य करना चाहिए. सूर्य ग्रहण का समय 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा. यह सूर्य ग्रहण दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगा.इन जगहों पर दिखाई देगा यह ग्रहण भारत के अलावा दक्षिण-पूर्व यूरोप, हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका एवं दक्षिण अमेरिका के प्रमुख हिस्सों में भी देखा जा सकता है.मिथुन राशि होगी प्रभावित इस ग्रहण का सबसे ज्यादा असर मिथुन राशि पर पड़ेगा. क्योंकि पंचांग के अनुसार 21 जून आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. इस दिन मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा. मिथुन राशि पर सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. वैशाख के महीने को ब्रह्मा जी ने क्यों बताया सबसे उत्तम माह, रोगों से बचने के लिए अपनाएं ये दिनचर्या