एसी चलाने से कोरोना वायरस पर पड़ता है यह बड़ा प्रभाव

इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के मिथक प्रचलित हो रहे हैं. इन्हें लेकर आम लोगों में बहुत ज्यादा भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. इन्हीं भ्रम में एक सवाल लोगों को आजकल बहुत ज्यादा परेशान कर रहा है व वो है, क्या वाकई एसी चलाने से कोरोना वायरस फैलता है. क्या है, इन मिथकों की सच्चाई, आइए जानते हैं.

1-एसी चलाने से फैलता है कोरोना वायरस- हकीकत- इस विषय में कुछरिपोर्ट जारी हुई हैं. खासतौर पर अमेरिका की सीडीसी द्वारा जारी रिपोर्ट में संभावना जाहिर की गईहै कि सेंट्रल एसी सिस्टम में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की संभावना हो सकती है. हालांकि आमतौर पर घरों में लगने वाले विंडो या स्प्लिट एसी को सुरक्षित माना गया है. फिर भी एहतियात के तौर पर घर की खिड़कियों को खोलकर रखना अच्छा है, ताकि कमरे में हवा की आवाजाही अच्छा से होती रहे. सेंट्रल एसी व्यवस्था वाली सार्वजनिक जगहों पर अगर कार्य करना बहुत महत्वपूर्ण है तो वेंटिलेशन का ध्यान रखना होगा, साथ ही यह भी देखना होगा कि कमरे की हवा का माइक्रो स्तर पर फिल्टरेशन हो. थोड़ी देर खिड़की खोलकर रखें. जहां तक कार के एसी की बात है, तो जितना संभव हो, कार चलाते समय खिड़की खुली रखें. वेंटिलेशन बढ़ाएं व सतह को असंक्रमित करते रहें.2-इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है. हकीकत- क्लिनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट डाक्टर स्कंद शुक्ला के अनुसार, इम्यूनिटी शब्द का प्रयोग संभलकर करना चाहिए. कोरोना एक नया वायरस है, जिससे लड़ने की इम्यूनिटी किसी के पास नहीं, सिवा उनके, जो अच्छा हो चुके हैं. जो है ही नहीं, उसे बूस्ट कैसे कर सकते हैं? अगर शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी है, तो उसे लेने से फायदा होने कि सम्भावना है. जैसे, विटामिन डी या जिंक की कमी है, तो उसे ले सकते हैं.
डायबिटीज अनिय्त्रिरत है, तो नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन किसी विटामिन या खनिज की कमी नहीं है, तो उसे ज्यादा मात्रा में लेने से कोई लाभ नहीं, नुकसान जरूर होने कि सम्भावना है. विटामिन-डी की कमी का टीबी से कुछ संबंध है. यही कारण है कि पुराने समय में टीबी के रोगी सोलेरियम में रखे जाते थे, जहां उन्हें सूर्य का प्रकाश मिलता था. अभी किसी खास खानपान से कोरोना संक्रमण से बचाव की पुष्टि नहीं हुई है. चाहे गर्म पानी पीना हो या लहसुन-अदरक का सेवन करना.

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