मणिपुर नदी घाटी के केंद्र में स्थित मणिपुर का राजधानी शहर इम्फाल प्राकृतिक दृश्यों के साथ साथ अपने प्राचीन किलों के माध्यम से अतीत की स्थापत्य कला का भली भांति चित्रण करता है। शहर चारों ओर से हरी-भरी घाटियों और लुभावनी पहाड़ियों से घिरा है, एक आरामदायक अवकाश के लिए यह स्थान आदर्श माना जाता है। यहां का शांत परिवेश आने वाले सैलानियों को बहुत हद तक प्रभावित करता है। इम्फाल अपने प्राकृतिक दृश्यों के साथ कंगला महल के शाही खंडरों के लिए प्रसिद्ध है। दिलचस्प है कि, मणिपुर पर शासन कर रहे तत्कालीन साम्राज्य की एक सीट भी है जो शाही है और शहर के केन्द्र में खाई से घिरा हुआ है। इसके अलावा यह शहर 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय हुआ लड़ाई के लिए भी जाना जाता है। यहां पर आपको द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़ी वॉर सिमेट्री है, जो युद्ध के दौरान मारे गए भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस जगह को बनाया गया था।
लोकटक लेक इम्फाल में अगर सलानियों के लिए सबसे फेमस जगह है तो उसका नाम है लोकटक लेक। इस लेख के चारों तरफ से कई छोटे-छोटे आइलैंड है, जिसे सैलानी बहुत पसंद करते हैं। इस लेख को नार्थ ईस्ट का सबसे बड़ा फ्रेशवॉटर लेक भी कहा जाता है। यह लेख जितना सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है उतना ही सैलानियों के लिए एडवेंचर्स भी। इस लेख में आप बोटिंग आदि वॉटर ऐक्टिविटीज कर सकते हैं। तो अगर आप इम्फाल में घूमने जा रहे हैं तो यहां जरुरु पहुचे।
सिरोही नेशनल पार्क झील के अलावा आप यहां वन्यजीवन को भी करीब से देखने का मौका प्राप्त कर सकते हैं। यह भारत के सबसे छोटे आरक्षित जंगलों में आता है जो मात्र 41 वर्ग किमी के क्षेत्र को भी कवर करता है। सिरोही नेशनल पार्क को 1982 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ था। पहाड़ी और घाटियों के परिदृश्य के साथ यह एक लुभावनी जगह है जहां आप रोमांचक अनुभव ले सकते हैं। जानवरों में आप यहां बाघ, तेंदआ और जंगली सूअर सहित अन्य जीवों को देख सकते हैं। इसके अलावा यहां फूल-वनस्पतियों की कई प्रजातियों मौजूद है। यहां उगने वाला सिरोही लिली यहां का सबसे खास फूल माना जाता है।
आईएनए मेमोरियल इस जगह को कभी भारतीय राष्ट्रीय सेना के औपचारिक मुख्यालय के रूप में जाना जाता था। यह उन सैनिकों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया था, जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया था। अगर आप कभी इंफाल की यात्रा करते है तो यह स्थान आपकी यात्रा सूची में होनी चाहिए।
मदर्स मार्केट इंफाल की ये मार्केट 15वीं शताब्दी से स्टार्ट हुई और आज भी सुचारू रूप से चलती है। इस मार्केट को इमा केइथल, मदर्स मार्केट, नुपी केइथल के नाम से भी पूरे भारत में जाना जाता है। इस मार्केट को मणिपुर और इंफाल में मार्केट के मामले में दिल की धड़कन कहा जाता है। 15वीं शताब्दी से इस मार्केट पर महिलाओं का जो नियंत्रण था वो आज भी उसी तरह है। यह मार्केट इंफाल के खवैरंबंद बाजार के बिच में स्तिथ है। इस मार्केट का शाब्दिक अर्थ भी है। मणिपुर में इमा मतलब है माँ और और केइथल का मतलब होता है बाजार। ये बाजार लगभग 500 साल पुराना माना जाता है जो आज भी बेहद महत्वपूर्ण मार्केट हैं। अगर आप इम्फाल में शॉपिंग करना चाहते हैं तो यहां पहुच जाए।