लॉकडाउन के चलते ज्यादातर लोग अपना काफी समय मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए बिता रहे है ,क्योकि आजकल मोबाइल टाइमपास करने का अच्छा साधन है,परन्तु स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिए ठीक नहीं, जानकारों के अनुसार कई घंटे भर में 20 से भी अधिक सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करते है जिसे 'नोमोफोबिया' कहते हैं। स्मार्टफोन से जुडी 'नोमोफोबिया' बीमारी में लोगों को बस यही डर लगता है की उनका मोबाइल गुम ना हो जाये खो ना जाए, जिसके चलते कंप्यूटर विजन सिंड्रोम होने की संभावना बढ़ जाती है,कोई जानकारों के अनुसार 70 फीसदी लोग मोबाइल स्क्रीन को देखते समय आंखें सिकोड़ते हैं,जो 'कंप्यूटर विजन सिंड्रोम' बीमारी में बदल जाता है। साथ ही इससे रीढ़ की हड्डी को भी नुक्सान होता है,क्योकि लगातार फोन का इस्तेमाल करते वक़्त कंधे और गर्दन झुके रहते हैं,जिसके चलते रीढ़ की हड्डी प्रभावित होने लगती है, कई चिकित्सको का मानना है की इस आदत से फेफड़ों की समस्या के साथ ही नींद नहीं आने की समस्याएं भी होने लगती है। आजकल स्मार्टफोन से जुड़ी कुछ आम प्रकार की लत -सेल्फी लेने की लत। -चैटिंग की लत। -सोशल मीडिया पर घंटों रहने की लत। -ऑनलाइन खरीदारी की लत। -पॉर्न देखने की लत। स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की लत से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है -घर पर रहने के दौरान इसका इस्तेमाल कम से कम करें। -अपने यार दोस्तों या परिवार के लोगों के साथ पैदल घूमने की आदत डाले । -जब भी आप सामने वाले से बात करे तो कोशिश करें की गैजेट का इस्तेमाल न करे । -स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के लिए एक टाइम गाइड लाइन बनाएं।