हसमुख वेब सीरीज नेटप्लिक्स पर हुई रिलीज़, कहानी है कमजोर

नई दिल्ली। नेटफ्लिक्स ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच अपनी नई वेब सीरीज़ हसमुख रिलीज़ कर दी है। ये वेब सीरीज 17 अप्रैल को रिलीज़ हुई थी। नेटप्लिक्स पर इस सीरीज को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। वीर दास ने इस सीरीज से काफी लंबे टाइम बाद वापसी की है।हालांकि, वह नेटफ्लिक्स के स्टैंडअप कॉमेडी शो में नज़र आते रहे हैं। उनके साथ इस सीरीज़ में अभिनेता रणवीर शौरी भी नज़र आएंगे। 10 एपिसोड की वेब सीरीज़ को निखिल गोंसाल्विस ने निर्देशित किया है। आइए जानते हैं, इसमे क्या है ख़ास.

इस सीरीज की कहानी की शुरुआत उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से होती है। यहां हसमुख नाम का कॉमेडियन है, जो अपने गुरु गुलाटी के गुलाम जैसा है। ना तो घर में इज्ज़त है और ना ही स्टेज़ पर। इसके बाद एक दिन उत्तेजना में आकर वह अपने गुरु गुलाटी की हत्या कर देता है।
फिर वह पहली बार स्टेज़ पर आता है और लोगों को हंसाना शुरू करते है। इस कड़ी में उसकी मुलाकात गुलाटी के मैनेजर जिम्मी द मेकर से होती है। वह उसके लिए शोज़ की व्यवस्था करते है। लेकिन हसमुख की एक प्रॉब्लम है कि बिना हत्या किए वह कॉमेडी नहीं कर सकता है। इसका जुगाड़ जिम्मी करता है। एक दिन उसका वीडियो वायरल होता है और वह मुंबई के एक टीवी शो में पहुंच जाता है। वहां, उसके पीछे पुलिस पड़ जाती है। एक तरफ शो हैं, दूसरी तरफ हत्याएं। क्या हसमुख सब संभाल पता है? इन सब बातों को जाने के लिए आपको इस सीरीज़ देखा पड़ेगा।
हर एपिसोड के बाद यह उम्मीद की जाती है कि आगे कुछ होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता है। अंत तक आप इस सीरीज़ में रोमांच का इंतज़ार करते रहेंगे। इस सीरीज की कहानी कमजोर है। इसे लंबा घसीटा गया है। जैसे कि रियलिटी शोज़ को फिनाले तक ले जाया जाता है।
वीर दास जो लेखकों की टीम में शामिल हैं, वह ना तो अपने जोक्स से, ना ही अपनी परफॉर्मेंस से हंसा पाते हैं। स्टैंडअप और डार्क थ्रिलर को मिलाने का असफल प्रयास किया गया है। आप जोक्स पर हंसना चाहते हैं, लेकिन वह काफी पुराने हैं। हालांकि, कई बार नए दौर के हिसाब से पॉलिटिक्ल व्यंग करने की कोशिश की गई है, लेकिन वह सही नहीं बैठती है। सीरीज़ अलगे एपिसोड के लिए उत्साहित करती है, लेकिन अगले सीज़न के लिए नहीं।
वही इस पूरी सीरीज में काफी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है। कभी-कभी यह जस्टिफाई नहीं कर पाती है। इस सीरीज़ को देखकर लगता है कि काफी प्रयास के बाद भी यह उस लेवल तक नहीं पहुंच पाती है, जितना की इसे जाना चाहिए था। सीरीज़ केवल एक्टिंग बचाने का काम करती है।

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