कोरोना वायरस की कैसे होती हैं जाँच, आइए जानिए

जब भी कोई आदमी किसी वायरस का शिकार होता है तो उसके शरीर में उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनती हैं. रैपिड टेस्ट में उन्हीं एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है. इससे यह पता चल जाता है

कि शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र ने वायरस को बेअसर करने के लिए एंटीबॉडी बनाए हैं या नहीं. ऐसे में जिन लोगों में कोरोना के संक्रमण के लक्षण कभी नहीं दिखते, उनमें भी ये सरलता से समझा जा सकता है कि वह संक्रमित है या नहीं, या पहले संक्रमित था या नहीं.कैसे होती है जांच 1. सबसे पहले कारोना संदिग्ध से सैंपल लिया जाता है. यह नमूना रक्त, प्लाज्मा या सीरम के रूप में होने कि सम्भावना है. 2. रैपिड टेस्ट किट में बताई गई स्थान पर सैंपल की तय मात्रा डाली जाती है. 3. अब टेस्ट किट में रक्त नमूने के ऊपर तीन बूंदें एक केमिकल की डाली जाती हैं 4. अच्छा दस मिनट के बाद टेस्ट किट में परिणाम सामने आ जाता है.कैसे देखते हैं परिणाम- नकारात्मक परिणाम- अगर रैपिड टेस्ट किट पर सिर्फ एक गुलाबी लाइन सी ऊभरती है तो इसका मतलब है कि आदमी नकारात्मक है.
पॉजिटिव परिणाम केवल एम- अगर किट पर सी व एम गुलाबी लकीरें उभरतीं हैं तो मरीज आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है पॉजिटिव परिणाम केवल जी अगर किट पर सी व जी गुलाबी लकीरें उभरती हैं तो मरीज आईजीटी एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है
पॉजिटिव परिणाम जी व एम- अगर किट पर जी व एम दोनों गुलाबी लकीरें उभरती हैं तो आदमी आईजीजी व आईजीएम एंटीबॉडी के साथ पॉजिटिव है
टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद क्या होता है- अगर रैपिड टेस्ट पॉजिटिव आता है तो होने कि सम्भावना है आदमी कोविड-19 का मरीज हो, ऐसे में उसे घर में ही आइसोलेशन में रहने या अस्पताल में रखने की सलाह दी जाती है.
अगर टेस्ट नकारात्मक आए तब- अगर रैपिड टेस्ट नकारात्मक आता है तो फिर उसका रियल टाइम पीसीआर टेस्ट किया जाता है. रियल टाइम पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव आने पर अस्पताल या घर में आइसोलेशन में रखा जाता है. वहीं रियल टाइम पीसीआर टेस्ट नकारात्मक आने पर माना जाता है कि उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हैं.

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