वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) को रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन की वजह से सभी अपना वक्त घर में बिता रहे हैं। बॉलीवुड भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान ने लोगों से कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में स्वास्थ्यकर्मी अपना काम सही तरीके से कर सकें, इसके लिए जरूरी है कि हम घर पर रहें।
इसके साथ ही उन्होंने देश के राजनीतिक माहौल और देशभक्ति साबित करने जैसे विवादित मसलों पर भी अपनी राय रखी। इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव में चर्चा के दौरान बॉलीवुड अभिनेता ने कहा, "मुझे कभी भी राजनीति की ज्यादा फ्रिक्र नहीं रही। बतौर कलाकार मैं लोगों को जोड़ने में यकीन रखता हूं।" उन्होंने कहा कि देश को आजादी दिलाने वाले अब इस दुनिया में नहीं हैं और नए लोग अपने नए विचारों के साथ आ रहे हैं।
ऐसे लोग, जिनमें राष्ट्रभक्ति या फिर देशप्रेम साबित करने की होड़ लगी है, को सैफ ने निशाने पर लेते हुए उनकी मानसिकता पर सवाल खड़े किए। सैफ ने पूछा, "राष्ट्रभक्ति साबित करने से आखिर मतलब क्या है? क्या भारतीय होने का मतलब हिन्दू होना है? क्या भारत में जन्म लेना काफी है?" हालांकि उन्होंने देशभक्ति साबित करने को पूरी तरह से गलत नहीं बताया।
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लगे डॉक्टरों पर हो रहे हमले पर भी सैफ ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "इसमें कुछ नया नहीं है। देश हर तरह के लोग रहते है जिनकी अलग-अलग सोच है। देश में आज वैज्ञानिक सोच के साथ-साथ 'चुड़ैल' सोच वाले भी लोग हैं। दबाव आने पर मानव शालीनता बिगड़ैल हो जाती है। अगर कुछ लोग पागल होकर लोगों को पीटना शुरू कर देते हैं, तो इसमें मुझे कुछ आश्चर्य नहीं लगता क्योंकि देश में ये कोई नई बात नहीं है।"
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