प्रखंड में सोमवार की शाम तेज हवा व बारिश होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में लगी गेहूं की फसल पानी होने से जमीन में सट गया है। गेहूं की बाली से अनाज भी झर कर खेत में गिरा है। मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को 0.4 एमएम बारिश का अनुमान की सूचना दी गई थी। विभाग के अनुमान से इस बार ज्यादा बारिश हुई है। इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। कुटुंबा प्रखंड के एरका, बभंडीह, परसांवा गौरा, धनीवार, रसलपुर सहित गांव के किसान का मानना है कि दिसंबर माह से लगातार हो रहे बेमौसम बारिश से किसानों का कमर ही टूट गई है। धान के साथ-साथ रबी फसल, गेहूं, चना, मसूर, तिलहन फसल में भारी नुकसान हुआ है। सरकार द्वारा किसानों को किसी तरह का मदद नहीं पहुंचाया जा रहा है जिससे किसान मायूस हैं। धान कटनी के समय बारिश होने से धान में अंकुर आ जाने के बाद भी विभाग द्वारा किसी तरह की क्षति नहीं होने का रिपोर्ट सौंपा गया। अब रबी फसल नष्ट होने पर भी किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। आर्थिक परेशानी के कारण किसान खेती कार्य छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से मजदूर न मिलने से परेशानी
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किसान की माने तो बेमौसम बारिश की मार से सभी परेशान हैं। दूसरी ओर लॉकडाउन के कारण मजदूर न मिल रहे हैं। यदि मजदूर मिल जाते तो अब तक गेहूं की फसल खेतों से काट लिया जाता। मजदूर नहीं मिलने के कारण प्रखंड के विभिन्न गांव में हजारों एकड़ फसल खेतों में खड़ी है। हार्वेस्टर न मिलना एवं छोटे-छोटे टुकड़े की खेत से भी कटाई का कार्य नहीं हो रहा है। उल्लेखनीय है कि पहले झारखंड प्रदेश के निकटवर्ती इलाका से मजदूर खेत में काम करने के लिए आ जाते थे लेकिन इस बार लॉक डाउन की वजह से मजदूर नहीं आ सके हैं।
Posted By: Jagran
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